पर प्रकाश डाला गया
- दो दिन तक मजा रह सकता है मौसम का मिजाज
- 50 किमी प्रति घंटे की अवलोकन से चल सकती हैं हवाएं
- भोपाल, इंदौर, जबलपुर में ओलावृष्टि की संभावना
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। अलग-अलग जगहों पर सक्रिय चार समुद्र तटों के प्रभाव से मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज बदला गया है। कई शहरों में कोहरा छाने लगा है। मौसम विज्ञानियों के प्रदेश में पश्चिमी एवं पूर्वी देशों का सम्मेलन शुक्रवार से शुरू हो सकता है।
इस दौरान 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलती हैं, साथ ही भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर और जापान के तट पर कहीं-कहीं ओले भी खतरे में हैं। मौसम का कुछ इस तरह का मिज़ाज मंगलवार तक बना रह सकता है।
तेज़ दस्तावेज़ दस्तावेज़ हवा
मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञान डा. दिव्या सुंदरन के अनुसार वर्तमान में उत्तर-पश्चिम भारत के ऊपर जेट रिप्लेसमेंट हुआ है। बंगाल की खाड़ी में मौजूद अति कंप्रेस का क्षेत्र प्रारूपण के बाद हवा के ऊपरी हिस्से में पवनचक्की के रूप में बनाया गया है।
पंजाब और उसके आसपास भी हवा के ऊपरी भाग में समुद्री मील बना हुआ है। यह अतिरिक्त रूप से एक प्रभावशाली पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान के आसपास द्रोणिका के रूप में सक्रिय है। प्रदेश से पश्चिमी एवं पूर्वी देशों का सम्मेलन होने से शुक्रवार से वर्षा होने की स्थिति बन रही है।
मंगलवार तक दोपहर तक रह सकता है मौसम
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि मौसम का मिजाज मंगलवार तक बना रह सकता है। इस दौरान 50 किमी प्रति घंटे की आँकड़े से हवाएँ चल सकती हैं। भोपाल, नर्मदापुरम्, इंदौर, जबलपुर, 2018-1999, ओलावृष्टि के आचल में स्थित हैं।
इस दौरान दिन के तापमान में कुछ कमी आ सकती है, लेकिन बादल बने रहने के कारण रात के तापमान में कुछ और बढ़ोतरी हो सकती है। 30 दिसंबर से मौसम साफ़ होने का कारण एक बार फिर न्यूनतम न्यूनतम तापमान में गिरावट होना।