पर प्रकाश डाला गया
- रामनिवास रावत ने वन मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
- रावत ने बीजेपी में शामिल होने के बाद मंत्री पद संभाला था।
- जिले में रावत को कांग्रेस के मुकेश ने हराया था।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में पराजय के बाद रामनिवास रावत ने वन मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को अपना त्यागपत्र भेजा। मुख्यमंत्री इस समय विदेश दौरे पर हैं, इसलिए त्यागपत्र स्वीकार करने को लेकर फैसला लेंगे।
इसकी स्वीकृति होने पर जब तक प्रारूप का विस्तार नहीं हो जाता, तब तक वन विभाग की देनदारी मुख्यमंत्री अपने पास ही रख सकते हैं।
रावत ने कांग्रेस समर्थक भाजपा में शामिल होने के बाद विधान सभा के सदस्यों से त्यागपत्र दिया था। आठ जुलाई 2024 को उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। विधानसभा में भाजपा ने उन्हें चिंतामुक्त कर दिया, लेकिन वह कांग्रेस के हितैषी आंदोलन से हार गए।
नतीजे आते ही भेज दिये गये
नतीजे आते ही देर शाम उन्होंने त्यागपत्र दे दिया। मुख्यमंत्री उसी दिन विदेश यात्रा के लिए भोपाल से प्रस्थान करने वाले थे, इसलिए इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ। अंतिम का कहना है कि मुख्यमंत्री के विदेश दौरे पर ऑर्गनाइजेशन से चर्चा के बाद इस मामले में निर्णय लिया जाएगा।
6 महीने तक मंत्री बन रह सकते हैं रावत
नियम है कि जो व्यक्ति जिस विधानसभा का सदस्य नहीं है, उसे छह माह तक ही मंत्री बनाया जा सकता है। रावत की यह अवधि जनवरी 2025 में पूरी होगी, लेकिन इस पर पहले फैसला लिया जाएगा। अधिकाँश संभावना यह है कि वन विभाग का दायित्व किसी और मंत्री को पद के स्थान पर मुख्यमंत्री को अपने पास सौंपना है। उसके बाद के दस्तावेज़ का विवरण किसी और को दिया जा सकता है।
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