पर प्रकाश डाला गया
- सीएम ने कहा कि बीआर टेक्स्ट को लेकर मिल रही रही बिकवाली।
- सरकार का कहना है कि इसे तोड़ने पर ट्रैफिक में सुधार होगा।
- मप्र उच्च न्यायालय की मुख्यपीठ जबलपुर में यह फैसला होगा।
नईदुनिया प्रतिनिधि, प्रतिनिधि। भोपाल का बसरैपिड बिजनेस सिस्टम (बीआरटीएस) ब्रेक के बाद सरकार ने इंदौर बीआर सिस्टम को भी ब्रेक करने की घोषणा कर दी है। 11.45 किमी का भार वाहक वर्ष 2013 में 350 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ था। सरकार का दावा है कि बीआर ट्रैक ब्रेकर के बाद शहर में यातायात की सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को इंदौर में कहा कि बीआर शेयरों को लेकर लगातार बैंक मिल रहे हैं। शहर के विकास को लेकर पिछली दो बैठकों में भी राजतिल ने यही बात कही थी। अब हमें जो भी साधन ले जाएंगे वह लगाएंगे और इंदौर के बीयर स्टोर्स को हटा देंगे।
सरकारी कोर्ट में भी अपना पक्ष रखेगी। वेबसाइट पर जहां ट्रैफिक की समस्या आ रही है ब्रिज समाधान तलाशेंगे। जब ब्रिज रिचमंड तो बीआर टेक तो तय ही करेगा।
शहर का यातायात सुगम्य हो, पाठ्यपुस्तक की सुविधा हो यह हमारी संस्था की जिम्मेदारी है। इन सभी बातों पर ध्यान दिया गया ये फैसला लिया गया है। एडवरटियर बीआर टेरेस्ट्स को लेकर हाई कोर्ट के इंदौर खण्डपीठ में दो धार्मिक स्थल चल रहे हैं, जिसमें 18 नवंबर को ही मुख्य खण्डपीठ स्थापित किया गया है।
इंदौर बी.आर.टी.एस
- इंदौर में बीआरटीएस की लंबाई करीब साढ़े 11 किमी है। यह निरंजनपुर से राजीव गांधी प्रतिमा तक शुरू हुआ।
- 10 मई 2013 को सह-लेखक के साथ सह-लेखक की टिप्पणी शुरू हुई और विवाद शुरू हो गया।
- वर्ष 2013 में ही सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी ने बीआर प्रोजेक्ट को चुनौती देते हुए मप्र हाई कोर्ट के इंदौर खंडाखंड में उत्खनन अभिलेख की थी।
- दस्तावेज़ उपहार में है। कहा गया है कि बीआरटीएस में 43 प्रतिशत रोड पर दो प्रतिशत यात्रियों के लिए ओके कर दिया गया है।
- 98 प्रतिशत यात्रियों को 57 प्रतिशत सड़क ही उपयोग के लिए मिल रही है। इसमें पैदल यात्री और साइकिल यात्री भी शामिल हैं। फाइल में बीआरटीएस को तोड़ने के ऑर्डर की मांग की गई है।
- निरंजनपुर से राजीव गांधी प्रतिमा की शुरुआत बी.आर.टी.एस. तक हुई
- 11.45 किमी वजनी है बीआरटीएस
- 21 बस स्टैंड बीआरटीएस पर
- 14 रिकॉर्ड्स अटेम्प्ट हैं
- एक बस स्टैंड पर 500-500 मीटर का बनाया गया है
हाई कोर्ट ने बनाई थी पांच सदस्यीय समिति
- 23 सितंबर 2024 को उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई में वर्तमान परिस्थिति में बीआईआरएस की उपयोगिता और व्यावहारिकता की जांच के लिए पांच विशेषज्ञ समिति के संगीतकारों का आदेश दिया गया था।
- इस समिति को आठ सप्ताह में अपनी रिपोर्ट उच्च न्यायालय में पेश करनी थी। मामले में सुनवाई 22 नवंबर को होनी थी।
- इसके पहले 18 नवंबर को ही हाई कोर्ट के इंदौर खण्डपीठ ने इन पर्चियों को जबलपुर में पोस्ट कर दिया था। हाई कोर्ट के फैसले के लिए इंदौर बीआर ट्रायल्स के वर्तमान परिदृश्य में अवलोकन और व्यवहारिकता की जांच की गई।
यह ऐतिहासिक निर्णय है
- कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि बीआर टीज़ को हटाने का निर्णय ऐतिहासिक और साहसिक है। यह इंदौर की जनता को राहत देने वाला फैसला है। होटल के बारे में कहा जाता है कि यह शहर जब भी कुछ करता है तो वह एतिहासिक ही होता है। इस फैसले से यह एक बार फिर साबित हुआ है। मैं शहर की जनता की ओर से मुख्यमंत्री के फैसले के लिए धन्यवाद देता हूं।
- कैलास विक्ट्री, ऑपरेशंस एडमिनिस्ट्रेशन मिनिस्टर मप्र शासन का कहना है कि ट्रैफिक के खाते से जरूरी थाबीआर टिप्स को लेकर यह निर्णय लेना जरूरी था। मैंने बीआरटीएस का विरोध यहीं से शुरू किया था। शहर में वाहन लागत बढ़ रही है। ऐसे में बीआर टेक्स्ट को हटाने का निर्णय सही है। यूनिवर्सिटी की व्यवस्था के लिए ऐसे निर्णय जरूरी हैं।
- सुमित्रा विपक्ष, पूर्व विपक्ष के अध्यक्ष के अनुसार, इंदौर में बीआर प्रोजेक्ट प्रोजेक्ट चल रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री और जनसंपर्क ने इसे तोड़ने का फैसला लिया है तो कुछ सोच-समझकर ही लिया होगा, लेकिन इतना जरूर है कि बीआईआरएस पर राई-बच्चों से लेकर छात्रों और अन्य लोगों को बड़ी राहत है। इसमें एम्बुलेंस भी शामिल हैं। इससे संबंधित रोगी को समय-समय पर अस्पताल में नामांकन में मदद मिलती है।
More Stories
Mainpuri में युवती की हत्या: करहल उपचुनाव के कारण सियासी घमासान, सपा और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप
Giriraj Singh झारखंड की जनता ध्यान रखे, रांची को कराची न बनने दें: गिरिराज सिंह
बिलासपुर के सदर बाजार में दिनदहाड़े अफसर से तीन लाख की लूट