पर प्रकाश डाला गया
- बीआईआर ट्रस्ट को लेकर उच्च न्यायालय में दो भर्तियां लगी हैं।
- इंदौर शहर में 11.5 किमी का भार वाहन बनाया गया है।
- राजीव गांधी प्रतिमा से लेकर निरंजनपुर तक बना है ये।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर (बीआरटीएस इंदौर)। इंदौर शहर में ए.बी. रोड पर बने बी.आर. के छापे हटाये जायेंगे। सीएम डाॅ. मोहन यादव ने शहर में मीडिया से चर्चा करते हुए ये बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि जनता को परेशानी हो रही है और राष्ट्रवाद की मांग पर यह फैसला लिया जा रहा है।
सीएम ने कहा कि कोर्ट में भी सरकार की ओर से हम इस संबंध में अपना पक्ष रखते हैं। बीजेपी प्रवक्ता सलूजा ने एक्सएक्स हैंडल पर पोस्ट कर इस बात की जानकारी दी है। समुद्र तट पर बसा राप्रा ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) को लेकर एमपी हाई कोर्ट के इंदौर खंड में स्मारकीय वस्तुएं लगी हुई हैं।
बीआरटीएस पर होता है ‘बच्चे का ऑपरेशन’
बीआरटीएस पर हर दिन यात्री व्यवसाय का संचालन होता है। इन यात्राओं में प्रतिदिन 50 हजार से अधिक यात्री यात्रा करते हैं। लेकिन बीआर टैक्स की वजह से अन्य जगहों पर जगह कम हो जाती है और इस पूरे मार्ग पर कई जगहों पर जाम की स्थिति बन जाती है।
11.5 किमी का है बीआरटीएस
इंदौर में राजीव गांधी प्रतिमा से लेकर निरंजनपुर तक करीब 11.5 किमी लंबा बीयर का मंदिर बना हुआ है। जिसमें केवल प्रोटोटाइप का संचालन शामिल है। इसके साथ ही यहां एस्पिरेटरी की ओर प्रस्थान है।
इंदौर में बीआर टीएस से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
- सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी ने इंदौर के बीयर टैक्स को लेकर दो धार्मिक प्रार्थना पत्र अदालत में रखे।
- एडोरटोर बीआरटीएस की पहली फाइल 2013 में लगी थी, वहीं दूसरी तरफ 2015 में लगी थी।
- मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के इंदौर खण्डपीठ ने इस मामले में बीआर टेस्ट की जांच और अन्य जांच के लिए समिति के सदस्यों के निर्देश दिए थे।
- बीआर नोट्स को लेकर बनी इस समिति को आठ सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करनी थी।
- इन आवेदनपत्रों को एमपी हाई कोर्ट के इंदौर खण्डपीठ ने जबपुर हाई कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था।