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मंदसौर का जामताड़ा! शेयर बाजार में निवेश के नाम पर धोखा दिया, साइबर टीम ने 21 युवा-युवतियों को पकड़ लिया

मंदसौर में शेयर बाज़ार में मुनाफ़ा का लालची हो रही थी शेयर बाज़ार। (फ़ॉलो फोटो)

पर प्रकाश डाला गया

  1. गरीबों के लिए ‘एल्गो ट्रेडिंग’ ऐप का इस्तेमाल किया गया।
  2. निवेश के नाम पर 5-7% मुनाफ़े का शौक़ दिया गया।
  3. पुलिस ने साइबर लाइब्रेरी से पूछताछ शुरू की।

नईदुनिया प्रतिनिधि, मंदसौर। राज्य साइबर पुलिस ने मंदसौर जिले के शामगढ़ स्थित पंजाबी कॉलोनी में एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है, जहां लोग शेयर बाजार में निवेश के नाम पर ठगे जा रहे थे। पुलिस ने 4 लड़कों और 17 लड़कियों को गिरफ़्तार किया और उनके पास से कई मोबाइल फ़ोन, फ़र्ज़ी सिम कार्ड और अन्य सामग्री बरामद की। पिछले दिनों ‘एल्गो ट्रेडिंग’ ऐप के माध्यम से लोगों से पैसे ठगे गए थे।

राज्य साइबर पुलिस जोन मस्जिद को सूचना मिली थी कि मंदसौर जिले के गढ़ शाम स्थित पंजाबी कॉलोनी में एक फर्जी कॉल सेंटर चल रहा है। यहां 20-25 कर्मचारी लोगों को शेयर बाजार में निवेश के नाम पर ठग रहे थे। इस सूचना पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक टीम की ओर से कार्रवाई शुरू कर दी।

पुलिस ने एंटरप्राइज़ फ़र्ज़ी कॉल सेंटर में 4 छात्रों और 17 लड़कियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 30 फर्जी सिम कार्ड, 20 डिजायन मोबाइल फोन और 20 कीपैड फोन बरामद हुए। ‘डायमंड रिसर्च कंपनी’ नामक कंपनी ‘फर्जी’ कंपनी चला रही थी। लोगों को ‘एल्गो ट्रेडिंग’ ऐप के माध्यम से निवेश करने का शौक दे रहे थे।

सबसे प्रमुख पुरस्कार थे लालच

इन फ़र्ज़ी कॉल सेंटर में लीडर लोगों को कम से कम 10 हज़ार रुपये के निवेश पर 5 से 7% का निवेश दिया जाता था। वे ऑफ़लाइन परिवहन के माध्यम से लोगों की जमा राशि में जमा की गई राशि को जमा कर देते थे।

पुलिस जांच से कर रही पूछताछ

राज्य साइबर पुलिस ने इस मामले की तकनीकी जांच शुरू कर दी है। चारों से पूछताछ की जा रही है, जिससे पता चलता है कि अब तक कितने लोगों को ठगा जा चुका है। उनकी गाढ़ी कमाई को पोस्ट किया गया है।

पुलिस ने लोगों से की अपील

साइबर पुलिस ने सभी लोगों से अनुरोध किया है कि शेयर बाजार में निवेश के नाम पर कोई कॉल आए तो उसकी जांच जरूर करें। इसके लिए आप किसी विश्वसनीय संसाधन या पुलिस से मदद ले सकते हैं। यदि, आप भी इस तरह के अल्पसंख्यकों का शिकार करते हैं, तो तुरंत स्टॉल स्टूडियो या cybercrime.gov.in पर दर्ज शिकायत दर्ज करें।