
पर प्रकाश डाला गया
- नई डॉक्टर प्रशिक्षित एकसमान चल सरोजोहा डॉक्टरी।
- वर्ष प्रति दो-तीन दिन छात्रावास में लेना होगा भाग।
- पंजीकरण नामांकन के लिए अद्यतन होना होगा।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। कहा जाता है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। डॉक्टर के लिए तो लगातार पढ़ाई और जरूरत होती है। अब मेडिकल जगत में हो रहे नए बदलाव, नई तकनीक, नई तकनीक और सर्जरी की नई तकनीकों के बारे में जो डॉक्टर अपडेट नहीं होंगे उनके मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल में नामांकन नहीं होंगे।
ऐसा होने पर वे अभ्यास नहीं कर पाएंगे। इसके लिए डॉक्टरों को विभिन्न वर्कशॉप में दो से तीन दिन तक अटेंड करना कम से कम छह क्रेडिट और अलग-अलग दिनों में पंजीकृत करना होगा। हर पांच साल में 30 क्रेडिट और लेना जरूरी होगा। ऐसी व्यवस्था मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल लागू करने की तैयारी में है। इसके लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के निर्देश-निर्देश की प्रतीक्षा करें।
बता दें कि एनएमसी ने सभी राज्यों में ऐसी व्यवस्था लागू करने के लिए कहा था ताकि चिकित्सा की गुणवत्ता बनी रहे, लेकिन अभी तक आयोग की ओर से दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। अभी डॉक्टरों को एक बार में नामांकन की आवश्यकता नहीं है, लेकिन नई व्यवस्था प्रभावी होने के बाद हर पांच साल में औसत नामांकन होगा। मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल में करीब 56 हजार डॉक्टर पंजीकृत हैं, लेकिन इनमें सरकारी और निजी कुल करीब 25 हजार हैं। ही प्रैक्टिस कर रहे हैं। कई डॉक्टरों की रुचि आश्रमों में शामिल नहीं रहता है।
इसमें अधिकतर सरकारी प्राइवेट लिमिटेड के प्राइमरी और साइकोलॉजिकल हेल्थ इंजीनियर्स में मार्केटिंग डॉक्टर होते हैं। आमतौर पर स्कूल बड़े शहरों में होते हैं, इस कारण वे नहीं जाते। इसके अतिरिक्त जो डॉक्टर सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उनके भी प्रतिष्ठान या आश्रमों में रुचि नहीं रहती है।
इसका सीधा नुकसान समुद्र तट पर होता है क्योंकि उपचार करने वाले कुछ डॉक्टर नई तकनीक के बारे में जांच और उपचार के बारे में ठीक से समझ नहीं पाते हैं। हालाँकि, इनमें से कुछ डॉक्टर मेडिकल क्लिनिक आदि से खुद को अपडेट रखने की कोशिश कर रहे हैं।
इस तरह है क्रेडिट अवे
मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल की वर्तमान व्यवस्था के अनुसार थ्री ऑवर की फैक्ट्री में एक क्रेडिट उपलब्ध है। एक दिन की पाठशाला छह से आठ घंटे की होती है। इस तरह साल में छह क्रेडिट एक या अलग-अलग छात्रावासों में दो से तीन दिन तक शामिल होने के लिए मिलते हैं। काउंसिल क्रेडिट के बाद वर्कशॉप का आकलन किया जाता है।
यह होगा लाभ : डॉक्टर नई क्लिनिक के कारण, जांच और उपचार के तरीके, प्रोटोकाॅल के बारे में जानें। – उच्च पुरातत्वविदों में वाले शोध की जानकारी भी पुरातत्वविदों में अपना पेपर प्रस्तुत करते रहते हैं। शोध से अज्ञात होने का अवसर मिलता है।
-कार्यशाला में वाले डॉक्टरों के छात्रों और उनके शिष्यों को भी सीखने का अवसर मिलना संभव है। -प्रतिपांच वर्ष में नामांकन नामांकन से प्रदेश में डॉक्टरों की सही संख्या पता चल गयी।
इनका कहना है
मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल की ओर से अभी भी क्रेडिट दिया गया है, लेकिन उसे अनिवार्य नहीं किया गया है। एनएमसी की ओर से क्रेडिट अवार के नए नियम बनाने की भी बात सामने आई है।
– डा. रेलवे कॉर्पोरेशन, पूर्व रेलवे, मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल