Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

पंजीकरण कार्यालय के सामने राजकमल बिल्डर की बिल्डिंग, शेष क्षेत्र, सभी सर्वे नंबर होंगे चेक

07 09 2024 service provider12
पंजीकरण कार्यालय के सामने सेवा प्रदाता वाली जमीन।

पर प्रकाश डाला गया

  1. सेवा प्रदाता वाली ज़मीन की रजिस्ट्री के निर्देश नीचे दिए गए हैं
  2. बिल्डिंग और अवैध निर्माण पर अलग-अलग सर्वे नंबर दिए गए हैं
  3. डॉक्टर को संदेह हुआ और डॉक्टर ने सेवा प्रदाताओं की सूची को प्रतिबंधित कर दिया

नईदुनिया प्रतिनिधि, स्थान। बूथ के पीछे स्थित पंजीकरण कार्यालय के आसपास के सभी सर्वेक्षण नंबरों की प्रशासन जांच। शुक्रवार को मराठा सिटी सेंटर ने रजिस्ट्रेशन ऑफिस के आसपास की जमीनों का निरीक्षण किया और पाया कि यहां बिल्डिंग और अवैध निर्माण पर अलग-अलग सर्वे नंबर दिए गए हैं। वहीं पंजीकरण कार्यालय के सामने जिस बिल्डिंग में सर्विस प्रोवाइडर की नियुक्ति है, वह राजकमल बिल्डर्स की बिल्डिंग है, यहां लगभग सौ स्टूडियो हैं।

सर्वे क्रमांक 200 पर बनी इस इमारत की जमीन को 2019 में दोषी करार दिया गया था, इसके बाद केस कोर्ट में दाखिल किया गया। यह भव्य पुराना प्रीमियम जमीन का है, जहां जमीनों के बांध आसमान पर हैं। बता दें कि गुरुवार को स्टॉकिस्ट रुचिका चौहान ने नामांकन कार्यालय का निरीक्षण किया था, जहां उनके स्टॉक एक्सचेंज में ही कई सेवा प्रदाताओं के स्टॉक में स्टॉक बंद हो गए थे। इसके बाद डॉक्टर पर संदेह हुआ और डॉक्टर ने सेवा प्रदाताओं की सूची को छूट दे दी।

पुरालेखों में तालाबंदी रिकॉर्ड वाले सेवा प्रदाताओं को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि जिस स्थान पर अवशेष बने हैं, उस जमीन की जांच की जाए। इसी क्रम में अनिल राघव ने रजिस्ट्री कार्यालय की जमीन पर सर्वे नंबरों का निरीक्षण किया। इसकी विस्तृत जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी जाएगी।

सर्विस प्रोवाइडर्स वाली बिल्डिंग भी जारी है मशविरे में

ओहदपुर के सर्वे नंबर 200 पर राजकमल बिल्डर्स के कमल शर्मा द्वारा नवीन पंजीकरण कार्यालय के समक्ष एस.ए.एस. भूमि पर एक टावर का निर्माण कर वहां 100 स्मारक बनाए गए। नगर निगम ने अपनी जांच में भवन अनुज्ञा में नक्शों में ई-क्यूकूटरचिट पाए जाने के बाद निगम के उस समय के लाइव प्रसारण और याचिका दायर की।

इसके बाद 20 फरवरी 2019 को सर्वे कमिश्नरी कमिश्नर बीएम शर्मा के पत्र पर अपर रजिस्ट्रार कमिश्नर बीएम शर्मा ने इस मामले की विस्तृत जांच करने का आदेश दिया। उन्होंने इसे एस.ए.एस. संगठनात्मक प्रतिवेदन को वैकल्पिक। इसके बाद 30 मई 2019 को इस जगह को शास. दर्ज करने की कार्रवाई की गई।