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कर्मचारी जगत नाखुश,

बजट में घोषणाओं से कर्मचारियों के लिए कुछ नहीं होने से उनमें नाराजगी छा गई है। पेंशनर्स ने आंदोलन के लिए रणनीति बनाना शुरु कर दी है। पेंशनर्स संघ के वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष गण्ेाश दत्त जोशी ने कहा कि विधानसभा में प्रस्तुत २०२३-२४ के बजट में पेंशनर्स के लिए कोई भी कल्याणकारी योजना की घोषणा नहीं की गई। पेंशन नियम १९७६ में संशोधन की मांग विगत कई वर्षों से की जा रही है, ताकि पेंशनर्स की अविवावहित, विधवा, तलाकशुदा पुत्री को केंद्र के समान परिवार पेंशन मिल सके। वहीं छठवें सातवें वेतन आयोग का बकाया ३२ एवं २७ माह के एरियर्स के भुगतान का कोई प्रावधान नहीं किया गया। महंगाई से त्रस्त पेंशनर्स पर राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा ४९(६) को एक नवम्बर २००० के बाद सेवानिवृत्ति पनर भूतलक्षी प्रभाव से थोपने के कारण राज्य के पेंशनरों को केंद्र के समय महंगाई से राहत का भुगतान नहीं होने एवं पेंशनर्स को किसी भी प्रकार की निशुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराने आदि के संबंध में बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया। प्रस्तुत बजट पेंशनर्स के लिए निराशाजनक एवं प्रताडि़त करने वाला है। जिसके कारण पेंशनर्स में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है। प्रदेश के पेंशनर्स शीघ्र ही प्रदेश व्यापी आंदोलन की शुरुआत करेंगे।