मप्र सरकार ने अपने चुनावी बजट में प्रदेश की सेहत के लिए भी जमकर धन लुटाने का मन बनाया है। स्वास्थ्य क्षेत्र में शिवराज सरकार इस बार १६ हजार ५५ करोड़ रुपए खच्र करने जा रही है। इस राशि से जहां नए मेडिकल कॉलेज खोले जाऐंगे तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर कॉलेज खोले जाएंग तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर खोले जाने का प्रावधान है। जानकारी के अनुसार चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए २७३५ करोड़ और गैस राहत एवं पुनर्वास विभाग के लिए १३७ करोड़ रुपए का आवंटन किया गया, शेष १३ हजार करोड़ पर स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों पर खर्च होंगे। बजट में ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं पर ज्यादा फोकस किया गया है। इसलिए दस हजार सब हेल्थ सेंटर में जांचों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा २०० हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले जाने की योजना है। सरकार ने यह भी तय किया है कि वर्ष २०२३ तक प्रदेश को रुबेला मुक्त और २०२५ तक टीबी मुक्त करना है। इसी के साथ मलेरिया एवं फाइलेरिया मुक्त प्रदेश का संकल्प २०२० तक पूरा करना है। सभी जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन के साथ कीमोथैरेपी का संचालित करना, ट्रामा सेंटरों का निर्माण करना और ग्रामीण क्षेत्रों में डे केयर सेंटर स्थापित करने के लिए बजट का प्रावधान किया गया है।
Nationalism Always Empower People
More Stories
पार्वती, कालीसिंध और चंबल परियोजना में मप्र में 22 बांधा, एमपी के 13 सौंदर्य को मिलेगा फायदा
एमपी का मौसम: एमपी के 7 शहरों में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे, भोपाल में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे
बीज के नाम पर अन्नदाता से छल, बांट दिया घुन लगा, बोवनी के लिए चिंता हो रही किसान