बुंदेलखंड के हास्य कवि चतरेश की एक प्रसिद्ध कविता थी, अंधियारी रात, खीर भरी कढ़ईया और अपना परसाईया… यह कविता भाजपा के नेताओं पर सटीक साबित हो रही है, जिसके चलते यदि भाजपा का कोई नेता या मंत्री घोटाला करे तो भाजपा के लोग इतना हंगामा खड़ा करते हैं कि जैसे उन्होंने कोई बहुत बड़ा घोटाले को अंजाम दिया हो, लेकिन जब बारी भाजपा के मंत्रियों की आती है तो उनको सब कुछ माफ कर दिया जाता है? यह सटीक कहावत मप्र में लागू हो रही हैं? मप्र के शिवराज मंत्रीमंडल के आबकारी मंत्री हैं जगदीश देवड़ा जो अपनी भजकलदारम की नीति के चलते जब यह तत्कालीन गृह मंत्री थे तो इन्होंने सिमी के एक कार्यकर्ता को जेल से रिहा करने की सिफारिश की थी और जब उसे जेल से छोडऩे की सरकारी की बदनामी हुई तो उसे पुन: जेल में बंद कर दिया था, लेकिन इस पर ना तो भाजपा और न ही शिवराज ने कोई एक्शन लिया? हाल ही में मंदसौर कलेक्टर गौतम सिंह को जिले से हटाया गया था इसके पीछे के जो कारण बताये जा रहे हैं उनका दोष केवल इतना ही है कि उन्होंने जगदीश देवड़ा के वह चहेते शराब माफिया के बेटे जिसने पिछले दिनों एक सार्वजनिक कार्यक्रम में यह तक कह डाला था कि अभी तक देवड़ा के पास खजाने की चाबी है अब इन्हें शराब माफिया के सहयोग से प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाना है, उसी चहेते शराब कारोबारी के पुत्र रणजीत सिंह के खिलाफ कलेक्टर मंदसौर ने जिला बदर की कार्यवाही की, उनका कुसूर सिर्फ इतना था और उन्हें कलेक्टरी से जगदीश देवड़ा के कहने से हटा दिया गया है? अभी हाल ही में एक घटना दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया जो आबकारी मंत्री भी हैं उनके खिलाफ भाजपा ने इतना होहल्ला मचाया कि उन्हें जेल तक भेज दिया गया दूसरी घटना यदि मप्र के लोगों को याद हो तो जिन दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में उनके मंत्रिमण्डल के आबकारी मंत्री यादवेन्द्र सिंह के द्वारा उस समय हुए लोकसभा चुनाव के दौरान सोनिया गांधी की आमसभाओं का खर्चा पचा जाने पर जब उनकी शिकायत स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी ने पार्टी की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी से की थी जिसके बाद सोनिया गांधी ने दिग्विजय सिंह से भेंट के दौरान इतना ही कहा था कि मिस्टर सिंह आपके आबकारी मंत्री, जी हां, मैडम मुझे मालूम है, मैं व्यवस्था करता हूँ। यदि सूत्रों की मानें तो दिल्ली से लौटने के बाद तत्काल यादवेन्द्र को इस्तीफा के लिये बाध्य कर दिया और उनको पद से हटा दिया गा था? लेकिन मप्र के आबकारी मंत्री को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भ्रष्टाचार को लेकर कुछ न कुछ कहते हैं, अभी हाल ही में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जिस प्रकार का बयान दिया उसमें यही कहा कि छत्तीसगढ़ को भ्रष्टाचार माफिया से मुक्ति मिलेगी? क्योंकि भाजपा ने २०१४ में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने का वादा किया था लेकिन इन सब वादों व बयानों के बाद भी यह समझ में नहीं आ रहा कि मध्यप्रदेश के आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा को १४ लोगों की जहरीली शराब से हुई मौत के बाद इसी रणजीत सिंह से सोने की चैन भेंट ले लेते हैं यह ही नहीं खुद तो भ्रष्टाचार करते ही हैं बल्कि एक सिंधिया समर्थक मंत्री जो कि मंदसौर जिले के प्रभारी मंत्री हैं उन्हें भी भ्रष्टाचार की जद में लेते हैं? अब यह भाजपा की दोहरी नीति लोगों की समझ में नहीं आ रही है कि आखिर देवड़ा की इतने कारनामों के बाद भी भाजपा के क्यों प्रिय हैं तथा इन्हें मंत्रिमण्डल से क्यों नहीं हटाया जा रहा? वित्त विभाग का उनका जो हाल है उसमें विकास के नाम पर क्या हो रहा है और विकास के नाम पर सरकारी संपत्तियां बेची जा रही हैं और प्रदेश को कर्जदार बनाया जा रहा है? यही नहीं प्रदेश का हर पैदा होने वाला नागरिक भी जगदीश देवड़ा की कारगुाजरी के चलते कर्जदार होता जा रहा है? यदि जगदीश देवड़ा पर भाजपा इसी तरह मेहरबान रहेगी तो वह भाजपा की छवि तो धूमिल करेंगे ही प्रदेश की भी पाकिस्तान जैसी स्थिति करके छोडऩे में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे?
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