लोग अब वायरल फीवर का शिकार हो रहे हैं। शहर से लेकर गांवों तक बुखार का फैला हुआ है। अस्पतालों में बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। वायरल बुखार को कोरोना समझकर लोग सहमे हुए हैं। हालांकि चिकित्सकों का कहना है कि सामान्य खांसी-बुखार को लेकर कोरोना का भ्रम न पालें। मौसमी बदलाव के कारण वायरल बुखार हो रहा है। इसमें घबराना नहीं चाहिए, बल्कि इलाज की जरूरत है। जेपी अस्पताल में गत दिवस मरीजों का तांता लगा रहा। जिला अस्पताल में १४१५ लोगों ने पंजीयन कराकर ओपीडी में चिकित्सकों को दिखाया। जिला अस्पताल पहुंचे करीब २५० मरीज वायरल फीवर के मिले। अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों ने चिकित्सक को बताया कि उनहें बुखार के साथ ही गले में दर्द, सिर दर्द, जोड़ों में दर्द व आंखें लाल होने की शिकायत है। एम्स भोपाल की भी ओपीडी में करीब ३२०० मरीज पहुंचे। इसमें से ३१२ लोगों को वायरल फीवर की शिकायत थी। ऐसे ही हमीदिया अस्पताल में भी २७०० की ओपीडी में करीब ८०० मरीजों को वायरल बुखार की शिकायत थी। जेपी अस्पताल के डॉ. आरके वर्मा ने बताया कि प्रतिदिन करीब ३०० लोगों की रक्त की जांच की जा रही है। अधिकांश लोग वायरल फीवर के मरीज हैं। हालांकि, खुशी की बात ये है कि अभी तक एक भी मरीज मलेरिया और डेंगू का नहीं मिला है। सीएमएचओ डाू. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि ऐसे मौसम में पेट में संक्रमण संबंधित बीमारियां तो पनपती ही हैं, साथ ही मच्छर जनित बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। लिहाजा इस दौरान लोगों को सतर्क रहने की जरूरतत है। जिला अस्पताल में प्रबंधन वार्ड बनाया गया है। सीएचसी व पीएचसी पर सभी चिकित्सकों को अर्ल किया गया है। लोगों को हिदायत दी गई है कि ड्यूटी पर मौजूद रहें। किसी भी समएचसी व पीएचसी में चिकित्सक नदारद मिलेंगे तो कार्रवाई की जाएगी।
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