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मध्यप्रदेश को लेकर संघ चिंतिति?

यह तथ्य किसी से छिपा नहीं है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नेतृत्व मध्यप्रदेश को अधिक महत्व देता है इस कारण से यहां की राजनीति और सामाजिक स्थिति को लेकर उसे हमेशा चिंता रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उप्रदेश उसकी चिंता की बानगी यह है कि पिछले छह महीनों में तीन महत्वपूर्ण बैठकें मध्यप्रदेश को लेकर हो चुकी हैं। इन बैठकों में संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार और क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते ने मान लिया है। पिछले छह महीनों के दौरान सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के भी लगातार प्रवास मध्य प्रदेश में हुए हैं। सूत्रों के अनुसार आगामी दिनों में सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य और भैयाजी जोशी के लगातार प्रदेश में प्रवास होने वाले हैं। संघ के पदाधिकारियों द्वारा लगातार बैठकें लेने से साफ जाहिर है कि मध्यप्रदेश को लेकर संघ कितना चिंतित है। पिछले वर्ष नवम्बर-दिसम्बर में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले दो बार भोपाल आए इस दौरान भी उन्होंने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा से विस्तृत चर्चा की। सूत्रों के अनुसार दत्तात्रेस होसबोले ने समिधा कार्यालय में भी क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते, सह क्षेत्र प्रचारक अशोक पोरवाल, मध्प भारत के प्रांत प्रचारक स्वप्निल कुलकर्णी, सह प्रांत प्रचारक विमल गुप्ता और सह क्षेत्र कार्यवाह हेमंत मुक्तिबोध से चर्चा कर संघ कार्य और राजनीतिक स्थिति का फीडबैक लिया। संघ लगातार आदिवासियों पर फोकस किए हुए है और आदिवासियों को लेकर संघ खासतौर पर चिंतित है। संघ ने प्रयागराज की बैठक में तय किया था कि शताब्दी वर्ष के लिए विस्तारक निकाले जाएंगे। इस संबंध में मध्य क्षेत्र की बैठक होने वाली है जिसमें छत्तीसगढ़, मध्य भारत, महाकौशल और मालवा प्रांत के पदाधिकारी हिस्सा लेंगे। सूत्रों का कहना है कि मध्य क्षेत्र से करीब २०० विस्तारक शताब्दी वर्ष के लिए निकलेंगे। इनको खासतौर पर आदिवासी क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा। आदिवासी क्षेत्रों में संघ और परिवारी संगठन अपना में नेटवर्क मजबूत करने के लिए लगे हुए हैं। संघ ने सभी अनुषांगिक संगइनों को इस संबंध में टारगेट दे दिए है। भाजपा से भी कहा गया है कि वह आदिवासी क्षेत्रों पर अतिरिक्त रूप से फोकस करें।