विदिशा के श्री हरि वृद्धाश्रम ने सामाजिक पर्यटन नाम से एक पहल की है।आश्रम में शोधार्थी, विद्यार्थी और किसी भी उम्र के व्यक्ति परिसर में कुछ दिन बिता सकते हैं। इससे बुजुर्गों को नये लोगों से मेल-मुलाकात का अवसर मिलेगा। साथ ही आश्रम में ठहरे लोग बुजुर्गों के अनुभव, उनकी दिनचर्या और जीवन के सुख-दु:ख की कहानियों के साझीदार बन सकेंगे। इसके लिए विशेष कक्ष “सोशल टूरिज्म” शुरू किया गया है। कक्ष नि:शुल्क उपलब्ध है।
श्रीहरि वृद्धाश्रम वृद्धजनों के सेवाकार्य में अनुकरणीय कार्य कर रहा है। जिला प्रशासन द्वारा अवंटित 25 हजार वर्ग फिट में संचालित आश्रम में बाग, भोजन, पूजन, केयरटेकर, पुरूष, महिला कक्ष जैसी सुविधाएँ हैं। वर्तमान में 60 बुजुर्ग यहाँ रह रहे हैं। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ.वीरेंद्र कुमार ने पिछले वर्ष आश्रम की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया था। उन्होंने इसे रोल मॉडल आश्रम बताते हुए यहाँ की व्यवस्थाओं को सराहा था।
आश्रम में रह रहे कुछ बुजुर्गों ने मृत्यु के बाद देह दान की इच्छा जताई थी। यहाँ बुजुर्गों को डाक्टरों ने देह दान के महत्व के बारे में जानकारी दी थी, जिसको उन्होंने स्वेच्छा से अपनाया। गत 16 जनवरी 2023 को ही श्रीमती काशीबाई दांगी का पार्थिव शरीर राजधानी भोपाल के राजीव गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान को श्रीमती दांगी की अंतिम इच्छा के अनुसार दान किया गया। साथ ही आश्रम यह भी प्रयास करता है कि यदि बुजुर्ग का परिवार है तो काउंसिलिंग के माध्यम से परिवार टूटने से बच जाये। कई बार समझाइश के बाद बुजुर्गों को वापस उनके परिजनों के पास अच्छे व्यवहार का आश्वासन लेते हुए भेजा गया है।
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