पर प्रकाश डाला गया
- 2019 में लड़की से सामूहिक सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी हत्या
- शव को तीन प्रदर्शन में लाकर पीटा जिससे न हो पहचान
- दोनों को कोर्ट ने समलैंगिकों की सज़ा दी
नईदुनिया प्रतिनिधि, महू (इंदौर) : मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के महू तहसील क्षेत्र में वर्ष 2019 में एक लड़की से सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या करके शव के टुकड़े अलग-अलग जगहों पर शान से की गई लूट की घटना में पांच साल बाद कोर्ट का फैसला आया है। घटना को अंजाम देने के दोनों आरोप सादिक निक लंगड़ा और अनूप माहेश्वरी को स्थानीय अदालत ने खारिज कर दिया।
तीन आदर्शों में अलग-अलग तरह की विविधता
साल 2019 में महू में दरिंदगी की इस घटना ने हर किसी को झकझोर दिया था। साल 2019 में एक-दो अक्टूबर की रात को दरिंदगी का खुलासा तब हुआ जब सुबह में लड़की के शरीर के तीन टुकड़े महू बस्ती में अलग-अलग जगहों पर पाए गए। एक टुकड़ा सुखी स्ट्रीट में, दूसरा कंचन विहार क्षेत्र में और एक अन्य जगह पर देखा गया था। महिला के कपड़े एक खाली मकान में पाए गए।
हाथ में गुडे नाम से हुई पहचान
ईसा मसीह की पहचान छुपे होने के मकसद से शव को अलग-अलग जंगलों में फेंक दिया गया था लेकिन हाथ पर हाथ रखने वाले बदमाश का नाम छुपे हुए से नहीं था। पुलिस की जांच में सामने आया कि इस नाम की लड़की को बगदून थाने में कुछ दिन पहले गिरफ्तार करके लाया गया था। पौराणिक कथाओं के रिकार्ड के आधार पर लड़की की मां और बहन के जोड़ों से उसके डीएनए का मिलान किया गया। ऐसे पहचानें पुलिस।
सामूहिक सामूहिक हत्याकांड और हत्या का मामला
इसके बाद पुलिस ने सादिक नी लंगड़ा और अनूप माहेश्वरी को गिरफ्तार कर लिया। दोनों से पूछताछ के बाद पुलिस ने उन पर सामूहिक सामूहिक हमला और हत्या का आरोप लगाया। दोनों ने पहले सामूहिक बलात्कार किया फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और शव के टुकड़े लेकर रात के अंधेरे में अलग-अलग जगह पर फेंक दिया।
26 गवाहों के बयान, वीडियो क्लिप, जब्ती हथियार आदि के आधार पर दोष सिद्ध होने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय ने दोनों सादिक़ सादिक और अनुप को दोनों साथियों की सजा की घोषणा की। शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक साक्षी उइके ने की।