मप्र में शिक्षकों की नियुक्ति पर कोर्ट का आदेश।
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याचिकाकर्ता प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2020 की पात्रता परीक्षा 18 वर्ष में पास कर चुके थे। इसके बाद शासन ने लगभग 18 हजार पदों की भर्ती के लिए संयुक्त काउंसलिंग पूरी की। हाईकोर्ट ने सुनवाई में 13 याचिकाओं पर पारित किया आदेश, आयु की गणना को कहा।
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि एक जनवरी, 2024 से अभ्यर्थियों की न्यूनतम आयु की गणना करके उन्हें प्राथमिक शिक्षक के पद नियुक्ति प्रदान की जाए। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने वर्ष 2022 से लंबित 13 याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह राहतकारी आदेश पारित किया।
याचिकाकर्ता मंडला निवासी कनीना उइके सहित अन्य की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व दिनेश सिंह चौहान ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2020 की पात्रता परीक्षा 18 वर्ष की आयु में उत्तीर्ण कर चुके थे।
बाद में आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय, डीपीआई व आदिवासी कल्याण विभाग द्वारा लगभग 18 हजार पदों की भर्ती के लिए संयुक्त काउंसलिंग की गई।
नए नियम जारी करते हुए इसमें एक जनवरी, 2022 की स्थिति में नियुक्ति के लिए अभ्यर्थी की न्यूनतम आयुसीमा 21 वर्ष निर्धारित कर दी गई। लिहाजा, याचिकाकर्ता भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए।
इस पर याचिकाकर्ताओं ने डीपीआई द्वारा जारी निर्देशिका व भर्ती नियम 2018 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी।
याचिकाओं की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान ही हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित करके याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति को इस याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कर दिया था। अंतत: याचिकाकर्ताओं के हक में अंतिम आदेश पारित कर दिया गया।