विश्वविद्यालय श्रेष्ठ मानव का विकास करे : राज्यपाल श्री पटेल

शिक्षा के पाठ्यक्रमों में मानवीय मूल्यों का समावेशन जरूरी
विश्वविद्यालय समन्वय समिति की 101 वीं बैठक राजभवन में हुई

भोपाल : बुधवार, जनवरी 31, 2024

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि विश्वविद्यालय श्रेष्ठ मानव का विकास करे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य ज्ञान के विस्तार के साथ ही श्रेष्ठ मानव तैयार करना है। उन्होंने विश्वविद्यालयों से अपेक्षा की है कि उच्च शिक्षा में विद्यार्थियों को ज्ञान, विज्ञान के साथ ही नैतिक मूल्यों, सांस्कृतिक परम्पराओं, संस्कारों और व्यवहारिक जीवन के गुणों को भी रोपित करे। राज्यपाल श्री पटेल राजभवन के सांदीपनि सभागार में आयोजित विश्वविद्यालय समन्वय समिति की 101 वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार भी मौजूद थे।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालयीन पाठ्यक्रमों में मानवीय मूल्यों का समावेशन जरूरी है। शिक्षा का अंतिम उद्देश्य समर्पित, संवेदनशील और कर्मठ नागरिक बनाना है। यह समझना जरूरी है कि मात्र ज्ञान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी संबंधी विकास समग्र शिक्षा नहीं है। विद्यार्थियों में सामाजिक समरसता, पर्यावरणीय चेतना और महिला सशक्तिकरण जैसे सामाजिक सरोकारों के प्रति सजगता और सक्रियता का होना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों का दायित्व है कि विद्यार्थियों को हमारी गौरवशाली सांस्कृतिक परम्पराओं और विरासत के संस्कारों से दीक्षित करे ताकि विद्यार्थी भावी जीवन में हमारी संस्कृति की जड़ों से जुड़े रह कर, विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति करे।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालयों में सामान्यतः विद्यार्थी 4 से 5 वर्ष अध्ययन करते है। इस अवधि में विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में विश्वविद्यालय की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। समाज के वंचित वर्गों के कल्याण, सामाजिक सरोकारों में सहभागिता, समाज और राष्ट्र के प्रति सेवा की भावना और संवेदनशीलता के गुणों से विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों को संस्कारित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संवेदनशीलता मानव की प्रकृति का मूलभूत तत्व है, आवश्यकता उसे जगाने की है। विश्वविद्यालय युवाओं में माता-पिता के प्रति श्रद्धा और सम्मान के भाव उत्पन्न करने के प्रयास करे। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि जीवन के सभी सुखों का आधार अच्छा स्वास्थ्य है। जरूरी है कि विद्यार्थियों में पौष्टिक खान-पान की प्रवृत्तियों को विकसित किया जाये। उन्हें श्रीअन्न के सेवन, व्यायाम और नियमित जीवन शैली के अनुपालन के लिए प्रोत्साहित करे।

बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने विश्वविद्यालयों में रोजगार परक पाठ्यक्रमों के संचालन के संबंध में समन्वय समिति के समक्ष प्रस्तुत प्रस्ताव पर उपसमिति के माध्यम से विचार कराये जाने की जरूरत बताई। बैठक में तय किया गया कि समस्त निजी एवं शासकीय विश्वविद्यालय यू.जी.सी. के 12-बी में पंजीयन कराये। सत्र 2024-25 के लिये पात्र विश्वविद्यालय नैक ग्रेडिंग के लिए आवेदन कर दे। नवीन स्थापित विश्वविद्यालय निर्धारित अवधि 6 वर्ष पूर्ण होने के एक वर्ष में अनिवार्यत: आवेदन प्रस्तुत कर दे। बैठक में 100 वीं समन्वय समिति बैठक की कार्यवाही विवरण की पुष्टि की गई। अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री के. सी. गुप्ता, राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री संजय शुक्ला, उच्च शिक्षा आयुक्त श्री निशांत वरवड़े, शासकीय और निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति मौजूद रहे।              

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