यूपीएस पेंशन: नई पेंशन योजना को लेकर असमंजस में कर्मचारी, ओ पी एस को लेकर पत्र लिखा जा रहा है

प्रदेश में अभी कर्मचारियों के लिए दो तरह की पेंशन योजना लागू

पर प्रकाश डाला गया

  1. नई पेंशन पर कर्मचारी असमंजस में
  2. पुरानी पेंशन योजना वापसी की मांग
  3. जोड़ों में 50 प्रतिशत पेंशन की संस्था

राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल: भारत सरकार ने मध्य प्रदेश में कर्मचारी पेंशन स्कीम लागू करने की घोषणा की है। इसके विधान को लेकर स्पष्टता नहीं है इसलिए कुछ भी जहां इसके समर्थन में हैं तो कुछ पुरानी पेंशन को ही बेहतर मान रहे हैं।

पोस्टकार्ड अभियान शुरू

स्टाफ़ मंच ने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए पोस्टकार्ड अभियान शुरू किया है। भारत, सरकार को योजना की दिशा की जांच करनी है। इसके बाद वित्त विभाग द्वारा प्रदेश में लागू करने के संबंध में सभी निर्णयों पर विचार करने के लिए समिति का गठन किया जाएगा।

दो तरह की पेंशन योजना लागू

प्रदेश में अभी कर्मचारियों के लिए दो तरह की पेंशन योजना लागू है। 2005 के बाद कर्मचारियों की भर्ती के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना लागू की गई। दस प्रतिशत राशि कर्मचारियों को मिलना होता है और 14 प्रतिशत राशि सरकार अंशदान के बारे में बताया जाता है।

इसमें कई संवर्गों के कर्मचारी ऐसे हैं, जिनमें सेवानिवृत्ति पर चार-पांच हजार रुपये तक ही पेंशन मिलती है। जबकि, पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) में अंतिम वेतन की 50 प्रतिशत राशि पेंशन में है। इसे देखते हुए कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग कर रहे थे।

पुरानी पेंशन योजना की मांग

कांग्रेस ने इसे चुनाव में भी बनाया। इसकी कैट में भारत सरकार युनिवर्सिटी पेंशन स्कीम (यूपीएस) स्थित है। 25 साल की सेवा के बाद 50 प्रतिशत पेंशन की पात्रता दी जा रही है। सरकार पर पांच प्रतिशत राशि कर्मचारी की कटेगी 18 प्रतिशत अंशदान देवी। पारिवारिक पेंशन आदि की सुविधा भी दी गई है।

असमंजस में कर्मचारी

महाराष्ट्र सरकार ने इसे लागू करने का निर्णय मध्य प्रदेश में कर्मचारियों को लेकर असमंजस में ले लिया है। मंत्रालयीन अधिकारी-कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एआईपी नायक का कहना है कि पेंशन की गणना के लिए अंतिम वेतन कौन सा माना जाएगा, यह स्पष्ट नहीं है। मूल वेतन के 50 प्रतिशत को आधार बनाया गया तो कर्मचारियों को नुकसान होगा।

नई योजना में स्थिति स्पष्ट नहीं है

राज्य तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के सचिव उमाशंकर तिवारी का कहना है कि नई योजना में भी स्थिति स्पष्ट नहीं है इसलिए सभी पुरानी पेंशन बहाली के पक्ष में हैं। उधर, स्टाफ मंच के प्रांताध्यक्ष अशोक पेस कासा का कहना है कि सरकार बार-बार कर्मचारियों को शेयर बाजार पर आधारित पेंशन योजना जारी कर रही है।

पहले पुरानी पेंशन योजना को बंद करके 2005 के बाद कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना (एनपीएस) लागू की गई थी और अब इसे लागू करने का फैसला लिया गया है। प्रदेश के कर्मचारियों को यह योजना विचार नहीं है। हम ओ यूपीएससी लागू करने की मांग के समर्थन में 30 दिसंबर तक पोस्टकार्ड अभियान जारी रखेंगे।

वहीं, वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हम भारत सरकार से योजना का प्रारूप लेकर बैठक कर रहे हैं। इसकी बैठक समिति के सदस्यों द्वारा परीक्षण की गई सरकार को रिपोर्ट देगी। अंतिम निर्णय सरकार को ही लेना है।

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