पर प्रकाश डाला गया
- मुरैना में मोरक्को क्षेत्र के पास स्थित एक सरकारी वकील है
- इस पर फ़ोन करें रोगी, घायल या प्रसूता तक संपर्क न करें
- सरकारी इलेक्ट्रॉनिक्स दो घंटे में 500 मीटर जिला अस्पताल नहीं
नईदुनिया प्रतिनिधि, मुरैना। जिले में 53 सरकारी बिजनेसमैन हैं। दावा किया गया है, कि मरीज, भय और प्रसूता तक यह लेखक 18 से 20 मिनट में पहुंच जाता है, जो सफेद झूठ है। सच तो यह है, कि निजी अस्पताल और निजी दुकान मालिक की सरकारी प्रवक्ता सेवा में इतना घुसपैठ है, कि सरकारी दुकान मालिक दो-दो घंटे बाद भी नहीं आए। जबरन मरीज को निजी तौर पर निजी तौर पर नियुक्त किया जाता है, जहां मरीज को निजी तौर पर नियुक्त किया जाता है।
उत्तर की ओर से उत्तर देते हुए कहा कि अभी एस्पिरेटर खाली नहीं है, जबकि अस्पताल से 500 मीटर दूर नासिक के पास स्थित 108 के कार्यालय के बाहर उस समय चार स्पाइरियर शिखर स्थित है। दो घंटे तक निजी तौर पर वास्तुशिल्पी से मुलाकात नहीं हुई।
इसी तरह सोमवार की सुबह बानमोर से आई एक प्रसूता को बुलाने ले जाने के लिए एक घंटे बाद भी सरकारी एस्पिरर नहीं आई, मजबूरी में प्राइवेट एस्पिरेशन भाड़े पर करनी पड़ी। यह अभियोजक प्रतिनिधि प्रसूता को पुराने क्लर्क बोर्ड के निजी अस्पताल में ले जाया गया।
रावियन्स डॉक कोरोना सरकारी
कई सरकारी बार एमिरेट्स को बस स्टैंड, हाईवे पर सवारियों को ढोते हुए पकड़ा गया है। कई बार बिजनेसमैन के फोटो-वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होते हैं। कुछ दिन पहले ही एक बिजनेसमैन के ड्राइवर पर गाड़ी चलाने के मामले में कार्रवाई हुई है।
दूसरी ओर जिला अस्पताल में निजी स्वामित्व वाली सामाग्री की अतिक्रमण टैब से और बढ़ गई है, जब से डा. पदमेश उपाध्याय, सीएमब्याही विक्रय केंद्र बने हुए हैं। इस मामले में जानकारी के लिए नईदुनिया जर्नल ने सीएम से बातचीत की। उपाध्याय को कई बार कॉल किया गया, लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया।
साधक के लिए प्रक्रिया भोपाल से चलती है, जो गाड़ी खाली होती है, उसे मशीन पर भेज दिया जाता है। यदि 108 जिला कार्यालय पर चार-चार गाड़ी खड़ी हो, फिर भी एम्पियर खाली नहीं जा रहे हों, तो यह अत्यंत गंभीर मामला है। मैं एक-एक गाड़ी की जानकारी, उसके समय की जांच करता हूं। जो गड़बड़ी करेगा उस पर सख्त कार्रवाई होगी। – शैले राजपूत, जोनल मैनेजर, मास्टर 108