मप्र के सभी सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं को निजी हाथों में देने की तैयारी, डॉक्टर से लेकर सभी कर्मचारी आउटसोर्स के होंगे

उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने मेडिकल छात्रों की भर्ती और मेडिकल पासपोर्ट के वेतन संरक्षण पर भी चर्चा की।

पर प्रकाश डाला गया

  1. मप्र में सिविल अस्पताल और स्पेशलिस्ट को आउटसोर्स पर देने की तैयारी
  2. उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने मुख्य सचिव से उचचे मामलों पर चर्चा की
  3. सहायक सहायक पर भर्ती की आयु सीमा अधिकतम 50 वर्ष होगी

राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश के सभी सिविल अस्पताल और क्लिनिकल स्वास्थ्य सेवा (सीटीसी) को आउटसोर्स के लिए आपूर्ति की तैयारी है। इसमें डॉक्टर से लेकर सभी कर्मचारी आउटसोर्स कंपनी और अन्य संसाधन सरकार के होंगे। अस्पताल का प्रबंधन कंपनी। हालाँकि, उनका नियंत्रण प्रशासन खंड चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) पर रहेगा। शुल्क और होटल का प्रतिष्ठान सरकार के अधीन ही रहेगा। प्रदेश में कुल 161 सिविल अस्पताल और 348 सैनिक हैं

54 अज़रबैजान में रिक्रूटमेंट पर रिक्रूटमेंट

उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने सोमवार को अन्य बड़े विषयों को लेकर मुख्य सचिव अनुराग जैन से चर्चा की है। अंतर्विभागीय समन्वय नहीं होने से लेकर उलझे मामलों पर चर्चा की गई। ऐसे में इस मामले में भी बातचीत हुई है जो बजट के अभाव में अटके हुए हैं। शुक्ला ने 454 क्रीचमेंट बैच में बैचलर ऑफ चाइना के साथ ही, मेडिकल प्लेयर्स में वेतन संरक्षण (पे-प्रोटेक्शन) के प्रस्ताव को पार्टिसिपेट करने के लिए कहा है।

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उन्होंने मेडिकल स्टॉक्स में सहायक कर्मियों के भर्ती की अधिकतम आयु सीमा 40 की जगह 50 वर्ष करने के संबंध में भी चर्चा की। एक अन्य बैठक में उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र के विभाग में रेडियोलैजिस्ट की सीलिंग और संबंधित विभाग के अधिकारियों से बातचीत की।

पैरा मेडिकल काउंसिल में अटके पंजीकरणों को लेकर चर्चा

राजेंद्र शुक्ला ने पैरा मेडिकल काउंसिल के पुराने अधिनियम को फिर से पूर्ववत करने के लिए लेकर भी चर्चा की है। असल में, इस संबंध में भारत सरकार भी काउंसिल का गठन कर रही है। इस कारण राज्य सरकार ने इसी वर्ष अप्रैल में अपनी काउंसिल भंग कर दी थी।

केंद्र की काउंसिल अभी तक नहीं बनी है। इस वजह से न तो नए क्लासिक्स खुल रहे हैं और न ही पुराने लैपटॉप्स का रजिस्ट्रेशन हो पा रहा है। सत्र 2023-24 में ऐसी स्थिति रही। अब फिर से काउंसिल नहीं बनी तो सत्र 2024-25 की व्याख्या भी करेगी।

इन आँकड़ों पर भी हुई चर्चा

  • रीवा मेडिकल एलसीडी, स्टेट मेडिकल मेडिकल अस्पताल और इंदौर के एमवाय अस्पताल के भवन और निर्माण परियोजना परीक्षण समिति से जल्द ही।
  • वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट प्रविधान, स्वास्थ्य अधोसंरचनाओं के विकास के लिए बजट।
  • मेडिकल वैज्ञानिको में वेतन संरक्षण (पे-प्रोजेक्शन) के प्रस्ताव को आरंभ किया गया।
  • साथ में ही नवीन आचल में जिला अस्पताल बनाने के लिए।
  • जबलपुर मेडिकल कॉलेज भर्ती में विशेष छूट देना।
  • रीवा जिले के ग्राम हिनौती में गौ-अभ्यारण्य की दीवारों के लिए प्रस्ताव विभाग द्वारा सामुदायिक समिति की कार्यवाही के लिए तैयार किया गया है।
  • सांदीपनि संस्कृत विश्वविद्यालय मसा के रीवा परिसर में संरचना विकास के लिए उच्च शिक्षा विभाग से राशि प्राप्त करना।

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