मंडला में मतांतरण का मकड़जाल, मिशनरीज की साक्षियों को संबल दे रहे कुछ आदिवासी नेता

मोहगांव ब्लॉक के गुप्त गंगा क्षेत्र में हनुमान जी की प्रतिमा से संबंधित अप्रतिम स्थानीय लोग और विहिप, बजरंग दल के कार्यकर्ता मोहगांव थाने की पहचान सामने आने के बाद। फ़ाइल

पर प्रकाश डाला गया

  1. मोहगांव ब्लेक में लोकतंत्र को बढ़ावा देकर गैर हिंदू बताया जा रहा है।
  2. हिन्दू धर्म में वापसी को असामान्य क्षेत्र के अनेक जनजातीय परिवार।
  3. कई एफआइआर दर्ज के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई।

युवा मिश्र, नईदुनिया, मंडला(मंडला समाचार. जदयू जिला मंडला में मतांतरण का मकड़जाल फैला हुआ है। जिले के मोहगांव झील में लोकतंत्र को गैर हिंदू कहकर संबोधित किया जा रहा है।

प्रतिमा कुछ दिन पहले उखाड़कर टोकरी में फेंक दी

मिशनरीज़ की धर्मपत्नी का प्रमाण गुप्त गंगा क्षेत्र में दिखता है। यहां चबूतरे पर वर्षों से स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा को कुछ दिन पहले उखाड़कर गाड़ी में फेंक दिया गया था।

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मोहगांव थाने में एफआइआर दर्ज करा हिंदू बन की दुकान

आदियादर गांव की रहने वाली पार्वती ने मोहगांव स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराकर हिंदू बनने की योजना बनाई है। वर्षों पहले उनकी दो बेटियों को बहला-फुसलाकर ईसाई बनाया गया था।

नेता भी मिशनरीज की सास्था को हवा दे रहे हैं

भारत युवा पीढ़ी के नेता भी मिशनरीज़ की साइंटिस्ट को हवा दे रहे हैं और पवित्रता को गैर हिंदू बता रहे हैं। पार्टी ने 30 अक्टूबर को मोहगांव में जनजातीय सम्मेलन आयोजित किया।

धर्म परिवर्तन को लेकर संबंधित प्रसंगों की झलकियाँ

मोहगांव मंडल के प्रभारी क्रांति कुमार ब्रह्मे ने बताया कि धर्म परिवर्तन को लेकर मामलों की विवरणी जारी की गई है। देवी-देवताओं की मूर्ति प्रतिमा के मामले में भी जांच की जा रही है। उद्योगपति सीएल वर्मा का कहना है कि धर्म परिवर्तन कराने का दबाव बनाने को लेकर कोई याचिका नहीं मिली है।

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कोई भी कार्यक्रम होगा तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी

मंडलायुक्त सोमेश मिश्रा का कहना है कि भारत आदिवासी पार्टी के नेताओं ने 30 अक्टूबर को मोहगांव में एक सम्मेलन आयोजित किया था, जिसमें उन्हें कानूनी छूट दी गई थी। उन्हें यह भी निर्देश दिया गया है कि किसी भी कार्यक्रम पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मूर्तियाँ पर खंडित

मोहगांव के गुप्त गंगा क्षेत्र में हनुमानजी की मूर्ति उखाड़कर गुप्ता गंगा में तोड़फोड़ और भगवान के वस्त्र लूटने का मामला सामने आया था। इस बात से 20 अक्टूबर को 20 अक्टूबर को मोहगांव में बिल्डर्स स्टूडियो और विहिप-बजरंग पार्टी की ओर से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। रिवोल्यूशन केस में कहा गया है कि पिछले कुछ महीनों से हनुमानजी की प्रतिमाओं को उखाड़कर कई क्रांतिकारी सामने आए हैं।

पत्नी का धर्म बदला करा पति पर भी डाला दबाव

मोहगांव के खाले गिठौरी गांव के मुकेश नंदा ने एक अक्टूबर को एफआइआर दर्ज कराई है। याचिका में उन्होंने बताया कि वर्ष पूर्व हुई उनकी पत्नी राजकुमारी की मृत्यु के बाद उन पर लगातार धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जा रहा है। मृत्यु के पूर्व राजकुमारी ने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया था। इसमें पूर्व राजकुमारी के ब्रेनवॉश में बताया गया था कि चर्च में प्रार्थना करने से वह बिल्कुल ठीक हो जाएगा।

सामाजिक बहिष्कार की वापसी की राह

भारत के मोहगांव थाने में रहने वाली पार्वती बाई पति परसाराम परते ने एफआइआर दर्ज कराई है। उन्होंने याचिका में कहा कि सात साल पहले उन्होंने ईसाई धर्म को अपना लिया था। इस बीच सॉस रामप्रसाद की मृत्यु हो गई, लेकिन ईसाई धर्म में शामिल होने के कारण समाज का कोई भी व्यक्ति अपने घर नहीं आया।

अंतिम संस्कार ईसाई पद्धति से करने का दबाव बनाया गया

दूसरी तरफ मिशनरीज के लोग यहां पहुंचे और अंतिम संस्कार ईसाई धर्म से करने का दबाव बनाने लगे। पार्वती का वर्णन है कि उन्होंने न केवल मिशनरी लोगों को वापस लौटाया, बल्कि अपने भाई का अंतिम संस्कार हिंदू पद्धति से किया।

यह धर्म परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं

पार्वती में वर्णित है कि गिठोरी निवासी प्रताप मसराम पिता गन्नी मसराम, नरेंद्र मसराम पिता प्रताप मसराम और चौधरी मसराम पिता नेरश मसराम और मोहगांव रैय्यत के सुदामा परते पति दासु परते ने धर्म परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

एक बेटी ने हिंदू धर्म में वापसी कर ली है, दूसरी तैयारी नहीं की

पार्वती ने बताया कि यह सभी मिलकर हमारी दो नाममात्र की बेटियों को सात साल पहले बहला-फुसलाकर घर से ले गए थे, उनकी एक बेटी ने हिंदू धर्म में वापसी कर ली है, जबकि दूसरी के लिए उन्होंने तैयारी नहीं की है।

भारत की युवा पीढ़ी के नेता गैर हिंदू को बताया जा रहा है

भारतीय जनता पार्टी के महासचिव सुरन्द्र सिंह सिरश्याम पासपोर्ट को हिंदू नहीं मानते। सुर का मत है कि ईसाई और बौद्ध आदि धर्मों में विकलांगता का व्यवहार देखना, जो मोह लेता है।

प्रस्तावित कार्यक्रम पार्टी के सहयोग अभियान

सुरन्द्रा ने 30 अक्टूबर को मोहगांव में आदिवासियों का सम्मेलन आयोजित करने की अनुमति नहीं दी। इस कार्यक्रम को लेकर सुरदर का कहना है कि प्रस्तावित कार्यक्रम पार्टियों के समर्थक अभियान और समाज में शेयरधारकों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है।

ईसा मसीह से कर रहे हैं देवी-देवताओं की पूजा

मंडला जिले के युवाओं से देवी-देवताओं की पूजा करते आ रहे हैं। कश्मीर में स्थित रानी दुर्गावती के महल के अंदर बने विष्णु और लक्ष्मी के मंदिर आदि इस बात को प्रमाणित भी करते हैं। हालांकि महल के मंदिरों से देव प्रतिमाएं षड्यंत्र चक्र हटा दिए गए हैं, लेकिन यहां पर लगे शिलालेख, पूजन, अनुष्ठानों की गाथाएं दे रहे हैं।

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