पर प्रकाश डाला गया
- रेलवे ट्रैक खंभों पर सुपरवाइव हाईटेक कैमरे।
- रेलवे ट्रैक की बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी।
- ट्रैक की दो से तीन घंटे में देनी होगी रिपोर्ट।
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। कुछ महीनों से रेलवे की फाइलों पर गैस, लोहे के राड या फिर अन्य सामान को बनाए रखने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे ट्रैक की बेहतर सुरक्षा व्यवस्था और हर समय नजर बनाए रखने के लिए विभाग रेलवे ट्रैक किनारे पोल पर हाईटेक कैमरे लगाने की योजना पर काम कर रहा है। इसी शुरुआत में भोपाल स्टेशन के आउटर से निशातपुरा रेलवे स्टेशन के बीच लगभग सात कैमरे जा रहे हैं। साथ ही यह कैमरा कुछ संदेश या इंस्ट्रक्टर रेलवे ट्रैक के पोल पर लगाने का विचार है। यूक्रेनी मैनिटरिंग आस-पासास के गेट-मैन इंडस्ट्रीज़ पर रेलवे कर्मचारी होंगे। जहां से जानकारी रेलवे कंट्रोल को दी जाएगी।
ट्रैक की दो से तीन घंटे में दी गई रिपोर्ट
रेलवे अधिकारी ने बताया कि पमरे जोन अभी भी रेलवे ट्रैक की सुरक्षा की लेकर ट्रैक मैन को आठ से 10 किमी से अधिक तक ट्रैक पर ले जा रही है। यूट्यूब पर हो रही रेल कहानियों के बाद ट्रैक मैन को हर दो से तीन घंटे की रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। ट्रैक मैन की कमी के साथ चार किलोमीटर की दूरी तय की गई है।
10 से 12 घंटे तक ट्रेक करें
भोपाल मंडल कुल मार्ग (रूट) एवं ट्रैक किलो मीटर दूरी करीब 1050 एवं 1980 के करीब है। अभी तक भोपाल मंडल में ट्रैक्समैन का एक दल 8 किलोमीटर लंबी रेलवे ट्रैक्स में पदयात्रा करता था, अब उसे 10 से 12 किलोमीटर तक की यात्रा करने की बात कही गई है। इन मंडल पर नजर रखने के लिए मंडल के करीब करीब 3,700 से अधिक ट्रैक मैन हैं। रात्रिकालीन पेट्रोलिंग करना पड़ रही है। यह पेट्रोलिंग रात 11 बजे से लेकर सुबह सात बजे तक जा रही है।
इनका कहना है
रेलवे ट्रैक किनारे पोल पर हाईटेक कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए भोपाल स्टेशन के आउटर से निशातपुरा रेलवे स्टेशन तक की शुरुआत की गई है। यह निकटवर्ती सात समुद्र तटों का अनुमान लगाता है। इसके बाद मंडल के अन्य स्थानों पर कैमरे सर्वाइवर।
नवल अग्रवाल, एएसआईएम व प्रवक्ता मंडल भोपाल