पर प्रकाश डाला गया
- ब्लैकलिस्टेड ग्रुप ने आवेदन के लिए फर्म तैयार की
- अब विभाग ने सदस्यों के बैकग्रांउड की जानकारी भोपाल
- 2020 में तात्कालीन नामांकन को ब्लैक लिस्टेड किया गया
नईदुनिया प्रतिनिधि,ग्वालियर। जिन प्रेसिडेंट-सदस्यों ने पोर्टफोलियो के लिए आवेदन किया है, उनके पोर्टफोलियो की पूरी जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी (आईपीओ) ने भोपाल भेजी है। महिला बाल विकास विभाग को भी सूचना के साथ पत्र भेजा गया है जिसमें इन बच्चों को लाने के लिए आवश्यक कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है।
इस पूरे मामले के सामने आने के बाद बातचीत से लेकर भोपाल तक की हलचल है। अब निराधार अध्यक्ष केके दीक्षित और सामुदायिक समिति के मामले में वरिष्ठ अधिकारी टिप्पणी लेकर कार्रवाई कर सकते हैं। अन्य जिलों के लिए बाल कल्याण समिति एवं किशोर न्याय बोर्ड के अध्यक्ष-सदस्यों की अपील 13 सितंबर को भोपाल में है। बता दें कि 2020 में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डा.केके दीक्षित थे। सदस्य के रूप में शर्मा दिनेश, किशन हिंडोलिया, स्वराज मथुरा और रणविजय सिंह थे।
डा. इन लोगों में शामिल हैं नाममात्र के किशोर न्याय बोर्ड से लेकर बाल कल्याण समिति के लिए आवेदन और यह लोग पात्र विभाग की मंजूरी में सामने आए। अप्रैल 2024 से बाल कल्याण समिति के प्रस्तावों के लिए कोई प्रस्ताव नहीं है, यह प्रक्रिया जारी है। कुल मिलाकर 63 लोगों ने आवेदन किया है। इसी प्रक्रिया में उन लोगों ने हिस्सा लिया है जिसमें शामिल हैं रोस्टर स्टार्स ने 2020 में ब्लैकलिस्टेड लेआउट बनाया था।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डा. केके सहित सदस्य मंडल बाल कल्याण एवं किशोर न्याय बोर्ड के लिए आवेदन किया गया है। 2020 में कोरोनाकाल में उस समय समिति द्वारा काम नहीं किया गया, जिसे लेकर प्रस्तावक थे बेल्जियम के कौशलचंद्र विक्रम सिंह ने मुख्यालय से प्रस्ताव भेजा था और शासन ने पूरी समिति को भंग कर दिया। अब इसी तरह की प्रक्रिया में अनाम महिला एवं बाल विकास विभाग की बेरोजगारी पर सवाल पूछे जा रहे हैं।
इसलिए ब्लैक लिस्टेड थे
आस्था समिति के अध्यक्ष केके दीक्षित ने अपने चार पहिये वाले वाहनों पर प्रथम मजिस्ट्रेट श्रेणी न्यायपीठ की भूमि और तीर्थस्थल कार्ड भी यही लिखा हुआ छपवाया। इसके रेजिस्टर ने व्यक्तिगत लाभ लाभ के लिए नामांकन किया था। अप्रैल से जून 2020 में 111 पेंडिंग प्रकरण थे। कोरोना में निर्देश थे कि वीडियो कलिंग से उनका पता लगाना है, लेकिन समिति अध्यक्ष डाॅ. केके दीक्षित ने काम नहीं किया। 10 फास्टर कैर प्रकरण में आठ का अंतिम भाग को करना है। महत्वपूर्ण बैठकों से भी जुड़े रहे थे। एक भगवान के मामले में स्टेक होल्डर से ऐसे दस्तावेज़ दस्तावेज़ दिए गए जो ज़रूरी नहीं थे।