पर प्रकाश डाला गया
- मां अंबे की आराधना करते हुए होगा डांडिया रास।
- कैलोरी बर्न करने और तनाव दूर करने की चाहत भी।
दिलीप मंगतानी, भोपाल। शरद ऋतु उत्सव के दौरान गरबा करना एक परंपरा बन गई है। गरबा अब फिटनेस का माध्यम भी बन रहा है। गरबा करते समय कब तक चलता है कुछ पता ही नहीं चलता। यही कारण है कि शहर के युवा अब मां अंबे की भक्ति के साथ कैलोरी बर्न करने के तनाव और दूर से हैप्पीनेस के लिए गरबा करेंगे। संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) में इस बार युवाओं का एक ग्रुप एस्ट्रो टर्फ पर जुमने की तैयारी चल रही है।
ग्राम बर्नारी स्थित एस्ट्रो टर्फ डिस्को डांडिया 2024 उत्सव की तैयारी जारी है। चार और पांच अक्टूबर को बड़ी संख्या में युवा, महिलाएं बच्चे और एक साथ झूमते हुए गरबा करेंगे। बैंडर पैसिफिक फुलवानी, नीनु जीवनानी के दिशा निर्देश पर युवा गरबा के नए स्टेप के साथ झूमते नजर आएं। डांडिया रास सत्र भी होगा। यंगस्टर्स गरबा के माध्यम से कैसे फिट रहें, इसके साथ-साथ योगाभ्यास भी सीख रहे हैं।
एस्ट्रो टर्फ पर डांडिया नया अनुभव
युवाओं का मानना है कि एस्ट्रो टर्फ पर डांडिया और गरबा करना एक नया अनुभव होगा। युवाओं का हौसला चरम पर है। संगीत की स्वर लहरियों के बीच युवा तीन ताली हीच, तिमली और 16-18 स्टेप गरबा करेंगे। गुजराती स्टाइल्स गरबे में भक्ति आलोचकों के साथ कुछ बॉलीवुड कलाकारों की रिकॉर्डिंग भी शामिल है।
फिटनेस का अच्छा माध्यम है गरबा
गरबा करते करते कब समय बीत जाता है पता ही नहीं चलता। फिटनेस का यह अच्छा माध्यम है। फिटनेस के साथ फैन भी हो तो मन आकर्षक हो जाता है। माँ अम्बे की स्तुति का यह उत्सव आते ही मन आनंद से भर जाता है। युवाओं में बहुत उत्साह है।
– डॉ. कोमल तनेजा, गरबा पार्टिसिपेंट
तनाव से दूर दुनिया है गरबा
शारदीय नवरात्र माँ अम्बे की स्तुति का पर्व है। भक्ति के बीच मंदिर के साथ जुड़ने से ऐसी अनोखी घटना होती है जैसे हम तनाव से दूर अलग दुनिया में चले गए हैं। फिटनेस, उत्साह, उत्साह और उत्साह सब एक साथ हैं। सीए होने के कारण कभी-कभी तनाव भी होता है। गरबा तनाव को दूर कर देता है।
– सीए अपूर्वा गुप्ता, गरबा पार्टिसिपेंट
फैट कम होता है, कैलोरी बर्न होता है
गरबा फिटनेस का सरल माध्यम है। यही कारण है कि महिलाओं और युवाओं की रुचि बढ़ रही है। एक घंटा गरबा करने से 500 कैलोरी बर्न होती है। शरीर लचीला बनता है, कई रोग ठीक हो जाते हैं। हार्ट रेट सामान्य हो जाता है। दरअसल ये गरबा हल्दी की आदत बताई जा सकती है।
– सोनम कपूर, फिटनेस लैपटॉप
संगीत के साथ थिरकते हैं कदम
गरबा उत्सव में संगीत की स्वर लहरियां सभी को झूमने पर मजबूर कर देती हैं। यह एक अनोखा उत्सव है जिसमें माँ की भक्ति के साथ-साथ प्रतिभा की भावना भी है। डांस करना वैसे भी शरीर के लिए अच्छा है। जो लोग जुड़े रहते हैं उनका गरबा का इंतजार रहता है। बहुत ऊर्जावान उत्पाद हैं।
– प्रशांत फुलवाणी, जर्मन