पर प्रकाश डाला गया
- दीपावली की रोशनी की सेटेलाइट छवि दिखाई देती है
- असल में भारत की ये तस्वीर दिवाली की रात की नहीं है
- एनओएए द्वारा जनसंख्या वृद्धि दर्शन के लिए बनाया गया है
डिजिटल डेस्क, नईदुनिया। हर साल दिवाली के दौरान सोशल मीडिया पर एक मशहूर ‘सैटेलाइट इमेज’ वायरल होती है, जिसे लेकर दावा किया गया है कि, भारत दिवाली की रात को जगमगाते हुए अंदरूनी हिस्सों से ऐसा दिखता है। हालाँकि, इस तस्वीर की हकीकत कुछ और ही है। यह फोटो अक्सर लोग शेयर करते हैं, लेकिन इसके पीछे की सच्चाई जानना जरूरी है।
दिवाली पर क्यों वायरल होती है ये तस्वीर
दिवाली, जिसे ‘दीपों का त्योहार’ भी कहा जाता है, हिंदू कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण उत्सव है, जिसे सिखों और जैनियों द्वारा भी मनाया जाता है। यह पांच दिन तक आते हैं, जहां परिवार एक साथ होते हैं, उपहारों का जुड़ाव-झुकाव करते हैं, एक साथ भोजन करते हैं और मेहमानों का आनंद लेते हैं।
दिवाली के दौरान, लोग अपने घरों, गोदामों और पूजा स्थलों को दीपों और रोशनी से सजाते हैं, जिसके कारण लोग ऐसी चीजों को साझा करते हैं। (ऊपर दिखाई गई तस्वीर अयोध्या में मनाई जाने वाली दिवाली की है।)
वायरल इमेज
सेटलाइट इमेज जो सोशल मीडिया पर वायरल है, असल में वह दिवाली की नहीं है। यह तस्वीर असल में ‘नेशनल ओसियनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन’ (एनओएए) में विभिन्न संस्कृतियों के कोलाइब (संयोजन) द्वारा बनाई गई है।
जनसंख्या को यह छवि पसंद है
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार यह फोटो भारत की जनसंख्या वृद्धि को दर्शाने के लिए बनाई गई थी, जिसमें 1992 से 2003 के बीच के शहरों में रोशनी में बदलाव को दर्शाया गया है। व्हाइट एरिया उन शहरों की लाइट्स को जोड़े हैं जो 1992 से पहले थे, जबकि ब्लू, हरे और लाल एरिया में क्रमशः 1992, 1998 और 2003 में इन शहरों की लाइटें दिखाई दी थीं।
खुश #दिवाली!
यह फोटो किसके द्वारा लिया गया था @नासा2012 में दिवाली पर सुओमी एनपीपी उपग्रह, छुट्टी की शाम को दक्षिण एशिया का एक अवरक्त दृश्य कैप्चर कर रहा था।
यह छवि कैसे ली गई, इसके बारे में और जानें: https://t.co/TjT4WH2Cxb pic.twitter.com/6SKW91JlxM
– नासा इतिहास कार्यालय (@NASAhistory) 4 नवंबर 2021
दीवाली की रात नासा द्वारा ली गई भारत की छवि
दिवाली की रात का सैटेलाइट सैटेलाइट इमेज वास्तव में बहुत छोटा होता है। नासा ने स्पष्ट किया है कि दिवाली के दौरान निकलने वाली अतिरिक्त रोशनी इतनी कम होती है कि इसे अंतरिक्ष से देखना बहुत मुश्किल होता है। दरअसल, 2012 में नासा ने जो तस्वीर प्रकाशित की थी, वह दीवाली की रात की असली तस्वीर है, जो इसके बारे में डॉल्फहमियों को खत्म करती है।