थमी थमी तो हरे हो गए शहर की गलियों के ज़ख्म

बारिश के बाद सिटी सेंटर कच्छ भवन काली के सामने खुडी रोड पर स्थित है।

पर प्रकाश डाला गया

  1. क्रिएचर कॉलोनी, महल गेट के पास, चेतकपुरी बाधाओं की स्थिति खराब
  2. बारिश से पहले नहीं हुई थी सड़कें, रेशमी सड़कें
  3. अब दो दिन से बारिश बंद हो गई है, तो ये मोटा मोटा गंदा साबित हो रहे हैं

नईदुनिया प्रतिनिधि। शहर में डेक के सीज़न में औसत से अधिक वर्षा ने सड़कों के हाल के आंकड़े दिए हैं। वर्षा से पहले जिन गोदामों की हो रही थी सफाई, उन पर निगम के अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। परिणाम यह हुआ कि वर्षा के कारण सड़कों की हालत ख़राब हो गई। अब दो दिन से बारिश बंद हो गई है, तो ये मोटा मोटा गंदा साबित हो रहा है। शहर की अधिकांश सड़कें डामर से बनी हुई हैं।

बारिश का मौसम शुरू होते ही इंडियन रोड कांग्रेस के नियमों के अनुसार डामर की सड़कों का निर्माण नहीं हो सकता। ऐसे में चार महीने तक सुपरमार्केट की दुकानें चलती रहती हैं। वर्षा का मौसम इनवेस्ट की वसूली से पहले ही शुरू हो गया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसका परिणाम यह हो रहा है कि सिटी सेंटर में क्रैलिक काली, जीवाजी क्लब पैलेस गेट के पास, चेतकपुरी क्रॉस रोड, जयेंद्रगंज सहित अन्य स्थानों पर स्ट्रीट स्ट्रीट होले हैं। शहर में अब तक 786.9 मिमी वर्षा हो चुकी है जिसका औसत से अधिक है। औसत वर्षा 751 मिमी है।

बजट की है समस्या

वर्तमान में नगर निगम के साथ बजट की समस्या भी बनी हुई है। पूर्व में ब्लॉक योजना के तहत जिन उद्यमों के निर्माण के लिए राज्य शासन से राशि प्राप्त की गई थी, उनका उपयोग किया गया था। बाकी पोर्टफोलियो का निर्माण नगर निगम को अपनी निधि से करना है, लेकिन बाकी पोर्टफोलियो के लिए अलग से बजट मौजूद नहीं होने के कारण समस्या जस की तस बनी हुई है।

शहर की सड़कों को लेकर मैं शनिवार को बैठक में शामिल हुआ। पैच रिपेयरिंग सेल के अलावा जनकार्य विभाग के अधिकारियों से भी प्लान मांगा गया है कि पैच रिपेयरिंग सेल में कैसे तेजी से काम किया जाएगा। इसके अलावा हम अब सीसी रोड बनाने पर फोकस करेंगे, ताकि सड़कें लंबी चल सकेंगी।

अमन वैष्णव, कमिश्नर नगर निगम

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