जुआरियों पर ऐसी छाप मारो कि भाग।, जापानी एसपी का ऑर्डर

वस्तु के लिए संबंधित अधिकारियों की आवश्यक जानकारी। मेटा एआई द्वारा निर्मित छवि

पर प्रकाश डाला गया

  1. जबलपुर के पुलिस कप्तान का आदेश सोशल मीडिया पर वायरल
  2. दीपावली से ग्यारस तक जुए के भगवान पर कार्रवाई ना करने की बात
  3. नागरिक चर्चा में, एसपी ने बाद में निजीकरण का आदेश जारी किया

जेबर। दिवाली के दौरान यूट्यूब पर जूए का बड़ा रिवाज के खिलाफ पुलिस प्रशासन सख्त कार्रवाई भी करता है। इस दौरान अक्सर जगह-जगह इंप्रेशन मारे जाते हैं, जाइंट्रीज़ को गिरफ्तार किया जाता है। लेकिन इस बीच जबलपुर के पुलिस कप्तान संपत उपाध्याय का एक ऑर्डर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दीपावली से ग्यारस तक जुए के पत्ते पर संबंधित दिशा-निर्देश दिए गए हैं। आदेश में उल्लेख किया गया है कि नदी, कुआं, तालाब और वास्तुशिल्प में चल रहे जुए के पेड़ों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी।

ऑर्डर में क्या

एसपी जारी आदेश में लिखा है कि, दीपावली पर्व से ग्यारस तक जुआ खेलने जाने की अधिकांश याचिकाएं प्राप्त होती हैं। जुए की सूचना पर कोई भी रेड केस बिना संबंधित राजपत्रित अधिकारी एवं कार्यालय प्रभारी के स्मरण में नहीं लाया जाएगा।

आदेश में कहा गया है कि जुआ रेड के पूर्व अच्छे तरीकों से पता लगाया जावे कि आसपास के कुओं, तालाब, नहर, नदी तो नहीं है, अगर है तो रेड नहीं होगी, पुलिस की उपस्थिति का आभास हो जाए, ताकि वे खुद भाग जाएं। ।।

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ऐसा मारो दिखाओ जुआनरी भाग.

भवन की पहली, दूसरी, तीसरी मंजिल पर यदि जुआ फड़ की सूचना है तो रेड एक्शन न की जाए, पुलिस की उपस्थिति का एहसास हो ताकि वे खुद भाग जाएं। कार्यालयों में सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को ऑर्डर की जानकारी के साथ-साथ दस्तावेजों की भी जानकारी दी जाएगी।

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लोगों में चर्चा

इस अजीबो-गरीब आदेश में पुलिस की छुट्टी को लेकर नागरिकों में चर्चा का माहौल गर्म हो गया है। लोगों का कहना है कि पुलिस जुआरियों से डर रही है?

दीपावली से ग्यारस तक का समय जुए के लिए विशेष रूप से सक्रिय रहता है, और इस दौरान लाखों रुपये का दांव लगाया जाता है। विवाद के दौरान, कुछ घंटों के अंदर एसपी ऑफिस ने एक नया आदेश जारी किया, जिसमें जुआ फड्स पर कार्रवाई के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

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