जिस शहर में हुआ निधन वहीं से बनेगा मृत्‍यु प्रमाण-पत्र, इंदौर नगर निगम अधिकारी ने बताए डेथ सर्टिफिकेट के नियम

डेथ सर्टिफिकेट।

HighLights

नगर निगम के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी और जन्म-मृत्यु पंजीयन विभाग रजिस्ट्रार डॉ. उपाध्याय ने कहा सवालों के जवाब में उन्‍होंने बताया कि जन्म प्रमाण पत्र में बच्चे का, माता-पिता का नाम इत्यादि जांच लें। गलती हो तो हाथों-हाथ सुधार के लिए आवेदन करें। अन्यथा भविष्य में परेशान होना पड़ सकता है।

नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। नगर निगम सीमा में हुए प्रत्येक जन्म और मृत्यु का पंजीयन अनिवार्य है। यह बात ध्यान रखें कि अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु मुंबई में हुई है तो भले ही अंतिम संस्कार इंदौर में हुआ हो उस व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र मुंबई से ही बनेगा। इसी तरह जहां जन्म हुआ है वहीं से जन्म प्रमाण पत्र बनेगा। एमवाय अस्पताल और पीसी सेठी अस्पताल जैसे बड़े अस्पतालों में जन्म प्रमाण अस्पताल से ही बन जाते हैं।

जिन सरकारी और निजी अस्पतालों में यह सुविधा नहीं है वहां से ऑनलाइन रिकार्ड निगम भेजा जाता है। रिकार्ड की एक हार्ड कापी भी निगम को भेजना होती है। इन दस्तावेजों के सत्यापन के बाद नगर निगम जन्म प्रमाण पत्र जारी कर देता है। सामान्यत: इस प्रक्रिया में दो सप्ताह का समय लगता है।

जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करते वक्त ही इस बात की जांच कर लेना चाहिए कि इसमें किसी तरह की कोई गलती तो नहीं है। जन्म प्रमाण पत्र में बच्चे का, माता-पिता का नाम इत्यादि जांच लें। गलती हो तो हाथों-हाथ सुधार के लिए आवेदन करें। अन्यथा आपको भविष्य में इसके लिए परेशान होना पड़ सकता है।

जितनी जल्दी गलती सुधवा लेंगे, वह उतनी ही आसानी से सुधर जाएगी। पति के मृत्यु प्रमाण पत्र में पत्नी का नाम जरूर जांच लें। इसमें किसी तरह का अंतर होने पर पत्नी को क्लेम मिलने और अन्य जगह परेशान होना पड़ सकता है।

यह बात नगर निगम के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी और जन्म-मृत्यु पंजीयन रजिस्ट्रार डा. अखिलेश उपाध्याय ने कहीं। वे मंगलवार को नईदुनिया के साप्ताहिक आयोजन हेलो नईदुनिया में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के संबंध में पाठकों के सवालों के जवाब दे रहे थे। उपाध्याय ने बताया कि बच्चे के जन्म के समय उसका कोई नाम नहीं होता है।

अगर आप बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में बच्चे का नाम जुड़वाना चाहते हैं तो आपको जोन कार्यालय पर संपर्क करना होगा। इसके अलावा आप 311 एप्लीकेशन पर भी आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसी तरह अगर आप बच्चे के नाम में बदलाव चाहते हैं तो भी आपको निगम के समक्ष आवेदन करना होगा। जन्म प्रमाण पत्र में जन्म तारीख बदलने का कोई प्रविधान नहीं है।

यह भी जान लीजिये

अगर बच्चे का जन्म घर पर हुआ है तो ऐसी स्थिति में एक माह के भीतर नगर निगम को इसकी सूचना देकर प्रमाण पत्र बनवा लें। एक माह बाद प्रमाण पत्र बनवाने पर आपको अतिरिक्त शुल्क देना होगा। मुक्तिधाम पर मृतक का नाम, पता, पिता का नाम, पत्नी का नाम इत्यादि लिखवाते वक्त अतिरिक्त सतर्कता बरतें। वो ही नाम लिखवाएं जो आधार कार्ड में हैं। विवाहित पुरुष की मृत्यु होने पर उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाते वक्त उसकी पत्नी का नाम लिखवाते वक्त अतिरिक्त सतर्कता बरतें। मृतक की पत्नी का आधार कार्ड भी साथ लेकर जाएं। अगर आप बच्चे का नाम बदलवाना चाहते हैं तो बच्चे के स्कूल में प्रवेश से पहले करवा लें। बाद में आपको शपथ पत्र, माता-पिता के लिंक दस्तावेज इत्यादि प्रस्तुत करना पडेंगे। दस्तावेजों से संतुष्ठ होने पर ही निगम नए नाम से जन्म प्रमाण पत्र जारी कर सकता है।

सवाल-जवाब

सवाल – मेरी भांजी सात माह की है। उसका जन्म प्रमाण पत्र कैसे बनेगा। -राजेश अग्रवाल

जवाब – हमारे पास अस्पताल से सीधे जानकारी आ जाती है। आप आनलाइन चेक करें। आपकी भांजी का जन्म प्रमाण पत्र बन चुका होगा।

सवाल – जन्म प्रमाण पत्र बनने में कितना समय लगता है। – विनय वर्मा

जवाब – सामान्य परिस्थिति में अस्पताल से जानकारी मिलने के एक पखवाड़े में जन्म प्रमाण पत्र तैयार हो जाता है। कई बार अस्पताल अपने यहां जन्में बच्चों की जानकारी भेजने में लापरवाही करते हैं। इस वजह से देरी हो जाती है।

सवाल – मेरे पिताजी का 21 जून को स्वर्गवास हुआ था। मैंने 10 दिन बाद ही मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर दिया था। अब तक नही मिला। – सुनील कुमार

जवाब – आपके पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार हो गया होगा। अगर फिर भी कोई परेशानी आती है तो आप मुझसे कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।

सवाल – मेरे पिता की मृत्यु वर्ष 1975 में हुई थी। मेरे पास उनके मृत्यु प्रमाण पत्र की फोटो कापी है। मुझे दूसरी कापी चाहिए। क्या करें। -महेंद्र वर्मा

जवाब – आपको कार्यालय आना होगा। अगर वर्ष 1975 का रिकार्ड उपलब्ध होगा तो आपको दूसरी कापी मिल जाएगी। अगर रिकार्ड नष्ट हो गया होगा तो फिर आपको कलेक्टर कार्यालय से अप्राप्तता प्रमाण पत्र बनवाना होगा। इस सर्टिफिकेट के आधार पर आपको आपके पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र मिल सकता है।

सवाल मेरे पिता का स्वर्गवास 2017 में हुआ था। उन्हें दो नाम मुकेश और जगदीश से जाना जाता था, लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र में सिर्फ मुकेश लिखा है। क्या करूं। – विपिन शर्मा

जवाब – अापको इस संबंध में दस्तावेजी साक्ष्य देना होगा। इसके बगैर यह बदलाव नहीं हो सकता।

सवाल – मेरी बेटी के जन्म वर्ष 2014 का है। उसके जन्म प्रमाण पत्र में मा का नाम गलत है। क्या करें। -शारदा कुशवाह

जवाब : आपको दस्तावेजी प्रमाण के साथ कार्यालय मेें आ जाए। बच्ची की मां की बोर्ड की अंकसूची, आधार कार्ड इत्यादि प्रस्तुत करना होंगे। इसके बाद ही बदलाव हो सकेगा।

सवाल – बेटी का जन्म फरवरी 2024 में हुआ था। जन्म प्रमाण पत्र नहीं मिला है। -अर्पिता शर्मा

जवाब – बेटी का जन्म प्रमाण पत्र बन गया होगा। हो सकता है तकनीकी दिक्कतों के वजह से आनलाइन नहीं दिख रहा हो।

सवाल – बच्चे का जन्म वर्ष 2021 में बड़वाह में हुआ था। मुझे उसका नाम बदलवाना है। -कृष्णा शर्मा

जवाब – आपको इसके लिए बड़वाह में आवेदन करना होगा।

सवाल – बेटी के जन्म प्रमाण पत्र में उसकी मां का नाम गलत है। बेटी का जन्म वर्ष 2011 में हुआ था। -प्रकाश शर्मा

जवाब – आपको मां का नाम बदलवाने के लिए दस्तावेज देना होंगे। इसके लिए विवाह प्रमाण पत्र, आधार कार्ड इत्यादि प्रस्तुत करना होंगे।

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