पर प्रकाश डाला गया
- एडोरट के राज क्षेत्र में शाम 6 बजे से बंदा होगे विला का प्रवेश द्वार।
- इस्कान मंदिर के आसपास दोपहर तीन बजे से शाम 5 बजे तक कोई प्रवेश नहीं।
- इंदौर शहर में श्रीकृष्ण की सभी पोथियों में हो रहे हैं विशेष आयोजन।
इंदौर, (जन्माष्टमी उत्सव इंदौर)। शहर के गोपाल मंदिर, बांके बिहारी मंदिर, यशोदामाता मंदिर, द्वारिका मंदिर और इस्कान मंदिर सहित श्रीकृष्ण के सभी तीर्थों में जन्मामी माजरा जा रहा है। बड़ी संख्या में कलाकार सुबह से ही भगवान के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। इस्कान मंदिर में पांच देशों से भक्त जन्माष्टमी के लिए जाना जाता है।
शहर में इस्कान मंदिर के आस-पास दोपहर तीन बजे से सामुहिक के सहयोगियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इधर राज क्षेत्र में भी शाम 6 बजे से सिटी फ़ायर और लक्ज़री एंट्री रोक दी जाएगी।
राधा-गोविन्द मंदिर (इस्कान) निपानिया में कृष्ण जन्माष्टमी हर्षोलस से जा रही है। भगवान अमेरीका-मोती जड़ावित पोशाक पहनेंगे। बुजुर्ग श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में दिक्कत न हो, इसलिए 50 ई-सर्किट भी जरूरी। मंदिर तक आएं और ले जाएं निपानिया और कोकिलाबेन हॉस्पिटल के पास से रात 9 बजे से जन्मोत्सव के बाद तक ई-कैरीप उपलब्ध है।
इस्कान डेकोरेटिव के अध्यक्ष स्वामी महामनादास और मीडिया प्रभारी हरि अग्रवाल ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और पांच देशों से भक्त जन्माष्टमी रूस आते हैं।
इस बार जन्माष्टमी में द्वापर जैसा संयोग
इस बार विशेष रूप से द्वापर जैसे योग, वार और नक्षत्रों में आज कृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाया जा रहा है। रात 12 बजे हर ओर बाल गोपाल की जय-जयकार गूंजेगी। सुशोभित कृष्ण मंदिर में नंदकिशोर की नवीन पोशाक परिधानकर नयनाभिराम का श्रृंगार किया जाएगा।
गोपाल, इस्कान, यशोदा मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की लंबी कतार लगी हुई है। महाआरती में हजारों लोग शामिल हुए और भगवान को भगवान के चरणों में झुलाएंगे। होल्करकालीन गोपाल मंदिर राजवे में शाम पांच बजे उत्सव की शुरुआत हुई।
इसमें शाम को अभिषेक, देर रात महाआरती और प्रसाद वितरण किया जाएगा। बांके बिहारी मंदिर राजवाड़े में फूल बंगला अंटार्कटिका। खजूरी बाजार स्थित यशोदा माता मंदिर में सुबह अब रात को महापूजा और जन्म आरती होगी।
51 हज़ार की राशि वाली मटकी 22 फीट की मटकी
संस्था सृजन द्वारा गोराकुंड पर 51 हजार भर्ती राशि वाली 22 फीट ऊंची मटकी बांधेगी। अध्यक्ष कमलेश खंडेलवाल के अनुसार 12 रिकॉर्ड भाग लेंगे। व्युत्पत्ति: यह प्रदेश की सबसे बड़ी मटकी होगी। सुरक्षा की दृष्टि से जमीन पर लकड़ी के चूरे पर किरायेदार भी रहेंगे। इस अवसर पर उत्तम महाराज स्वामी सहित अन्य साधु-संत भी जुड़ेंगे।