पर प्रकाश डाला गया
- फ़ुफ़ कार्यकर्ता-सहाय संघ के बीच बातचीत के ऑडियो राजफाश में
- बालबाड़ी केंद्रो के पोषण आहार परीक्षाओं की बड़ी साठगांठ
- नियुक्तियों की प्रक्रिया पर भी प्रश्नचिह्न चिन्हांकित हो रहे हैं
नईदुनिया प्रतिनिधि,ग्वालियर। प्रतिपक्ष की बैलाबाड़ियों में बड़ा खेल चल रहा है। पोषण आहार हो या अलग-अलग व्यवस्थाएँ सब बिस्तर हाल हैं। खुद-खुद कार्यकर्ता यह साफा बोल रही हैं कि बेलबाडों में आने वाला पोषण आहार शामिल है जिसमें खराब चीजें हैं, पानी छोड़ दें। गाय और भैंस पालने वाले बैलबाड़ियों से खाना ले जाते हैं, हम खुद देते हैं।
हमारे हर माह जबरिया की किताबें प्रकाशित होती हैं जिनकी गुणवत्ता बहुत अच्छी होती है। मैडम हमें चुप रहने को कहती हैं। जब हम लिखते हैं कि क्या खाना अच्छा है तो शिकायत कैसे कर सकते हैं? ऐसे ही एक ऑडियो में एक कार्यकर्ता की पूरी पोल खोली जा रही है। नईदुनिया के पास इस ऑडियो में नियुक्तियों की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए गए हैं।
बता दें कि सबसे पहले भी संतुलित पोषण आहार में गड़बड़ी को लेकर कोई पहला मामला सामने नहीं आया था। बालबाड़ियों के लिए संपूर्ण सिस्टम है जिसमें भर्ती कार्यकर्ता से लेकर सहायक, पर्यवेक्षक, परियोजना अधिकारी से लेकर जिला कार्यक्रम अधिकारी तक संपूर्ण विनिर्माण की श्रृंखला शामिल है। इसके बाद यह भी दर्शाया गया है कि खुद के शौकीन कार्यकर्ता यह कह रहे हैं कि हमारे हर माह के पत्र में जबरिया भरवाया जाता है कि खाना अच्छा लगता है। शासन की योजना को लेकर यह स्थिति खरीदी गई है।
पोषण आहार अभ्यासों की बड़ी साठगाँठ
यह पोषण आहार के पेशेवरों का बड़ा साथी है कि कैसे उनके खराब खाने के बाद भी नशे में पहुंच जाता है और बच्चों का निवाला न बनने के बाद भी पूरा भुगतान हो जाता है। अलग-अलग क्षेत्रों में स्व-लैंगिकता के माध्यम से दिए गए संकेत दिए गए हैं, लेकिन इन विचारधाराओं के पीछे की ओर दलाली के साधन दिए गए हैं। इसमें रसूखदार लोगों का हाथ है। कुल मिलाकर जिले में पांच पांच सौ से अधिक लोग शामिल हैं जिनमें कुछ लोग ऐसे हैं जो दो सौ से तीन सौ तक बेलबाड़ियों का ठेका लिए बैठे हैं। नए सिरे से जो हो रहा था वह भी फाइल होल्ड हो गया है।
फ़ाइल
- शहर में किट फर्नीचर: 550
- जिले में कुल फर्नीचर: 1428
- एक स्व सहायता समूह को प्लांट देना था: 10
- सांकेतिक विचारधारा का निर्धारण: 100 से भी अधिक