पर प्रकाश डाला गया
- शुक्रवार को इंदौर में 3 और भोपाल में 2 इंच से ज्यादा बारिश हुई।
- द्रोणिका मध्य प्रदेश के सीधे-सीधे गुजरात में है।
- 25 अगस्त को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है।
भोपाल। बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र बढ़ते हुए झारखंड तक पहुंच गया। द्रोणिका मध्य प्रदेश से गुजरात गुजरात रही है। अरब सागर में भी समुद्री परिसंचरण मौजूद है। इन समुद्र तटों के प्रभाव से मप्र में साम्यवादी आश्रम आ रही है, जिससे कई महासागरों में झमाझम बारिश हो रही है। शुक्रवार को इंदौर में करीब 3 इंच पानी गिरा, जबकि खंडवा में 2.5 इंच, भोपाल में 2 इंच, हिंद में 1.75 इंच, गुना में 1.25 इंच और सीधे में 0.5 इंच बारिश दर्ज की गई। धार, रामबाण, माणिक्य, मण्डला, मठ सहित कई आँचल में भी बारिश हुई।
इन अविकसित में भारी वर्षा हो सकती है
मौसम विभाग ने शनिवार को गुना, शिवपुरी, जबलपुर, कटनी, रीवा समेत विभिन्न जिलों में भारी बारिश की चेतावनी देते हुए रेड जारी करने की चेतावनी दी है। वहीं राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हिंदुवे और सिवनी, मंडला और बालाघाट सहित 16 पुर्तगालियों में गार-चमक के साथ तेज बहारें के गठन की संभावना जताई गई है और ऑरेंज की श्रेणी में रखा गया है। प्रदेश के बाकी हिस्सों में भी हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है।
इन जिलो में रेड संभावित
शिवपुरी, गुना, आगर, शाजापुर, हरदा, कटनी, जबलपुर, मंडला, डिंडो, रीवा, सीधी और असमान्य में भारी वर्षा होने के आसार हैं।
नारंगी रंग वाले जिले
श्योपुरकलां, राजगढ़, खंडवा, नवादापुरम, बैतूल, हिंद महासागर, सिवनी, नरसिंहपुर, बालाघाट, दमोह, छतरपुर, पन्ना, ग्रेटर नोएडा, उमरिया और शहडोल में स्नातक-चमक के साथ तेज धारें पड़ सकती हैं।
ये वेडर सिस्टम सक्रिय
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल के उत्तरी स्कूटर और झारखंड में बना कम्प्रेस का क्षेत्र शनिवार सुबह उत्तर-पश्चिम झारखंड और आसपास के क्षेत्र में पहुंच गया। इससे पहले समुद्री तल से 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। अगले 24 घंटों के दौरान मध्य मध्य प्रदेश से लेकर पश्चिम की ओर लगभग बढ़ने की संभावना है। इसका असर 25 अगस्त को प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश हो सकती है।
द्रोणिका की मूर्ति, ड्रैगन, झील, पूर्वोत्तर, उत्तर-पश्चिम झारखंड और आसपास के क्षेत्रों पर कम दबाव वाले क्षेत्र के केंद्र, दीघा से दक्षिण-पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य तक के फोटो खींचे गए हैं। इसके अलावा एक राक्षसी परिसंचरण महाराष्ट्र तट से सुदूर पूर्व-मध्य अरब सागर पर स्थित है और समुद्र तल से दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। एक मखमली परिसंचरण बंगाल की खाड़ी के उत्तर में स्थित है। द्रोणिका का पश्चिमी भाग अपनी सामान्य स्थिति के दक्षिण में और इसका पूर्वी भाग समुद्री तल पर सामान्य स्थिति के उत्तर में स्थित है। एक अपतटीय द्रोणिका उत्तर महाराष्ट्र तट से उत्तर केरल तट तक चलती है।
आगे ऐसा रहेगा मौसम
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि इन तीन दिनों में प्रदेश में बारिश से राहत के कोई मायने नहीं हैं। खासतौर पर 25 अगस्त को प्रदेश के कई जिलों में अतिभारी बारिश हो सकती है। 26 अगस्त को भी प्रदेश के पश्चिमी यूरोप में तेज बारिश की उम्मीद है। 27 अगस्त से वर्ष की अवधि में गिरावट आ सकती है।