पर प्रकाश डाला गया
- बंगाल की खाड़ी में समुद्री तूफान, मौसम में बदलाव संभव।
- झारखंड से डेमोक्रेट तक द्रोणिका बनी हुई है।
- सोमवार को जबलपुर, शहडोल में बारिश की संभावना।
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक समुद्री मील बना हुआ है। झारखंड से लेकर मुख्यधारा तक एक द्रोणिका बनी हुई है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार इन समुद्र तटों का प्रभाव पूर्वी मध्य प्रदेश में बादल छा सकता है।
सोमवार को जबलपुर, शहडोल में पदस्थापित पदाधिकारियों के साथ-साथ अन्य जगहों पर भी बारिश हो सकती है। उधर, राजस्थान में प्रति मील का पत्थर बनने के कारण भारतीयों का रुख भी बार-बार बदलता रहता है। पर्यावरण से आश्रम कम के कारण अब धीरे-धीरे मौसम-धीरे-धीरे होना भी साफ लग रहा है। इससे टमाटर से कुछ राहत मिलने लगी है।
रविवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक उत्तर प्रदेश में 13 बजे बारिश हुई। प्रदेश में सबसे अधिक 36.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में बंगाल की खाड़ी में उत्तरी गंगा क्षेत्र और पश्चिम बंगाल में हवा के ऊपरी हिस्से में एक समुद्री मील बना हुआ है। झारखंड से लगे लेकर डेमोक्रेट तक एक द्रोणिका बनी हुई है, जो उत्तरी गंगा क्षेत्र एवं पश्चिम बंगाल पर बने ऑर्केस्ट्रा से बनी हुई है। पाकिस्तान के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। इसके अतिरिक्त राजस्थान एवं उनके जैसे मध्य प्रदेश पर एक प्रति मील बना हुआ है।
जबलपुर और शहडोल मुख्यालय में बारिश हो सकती है
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बने मलिन और मोटोरोला से लेकर स्पीकर तक बनी द्रोणिका के प्रभाव से पूर्वी मप्र में कुछ कंपनियां मिल रही हैं। इस वजह से सोमवार से जबलपुर, शहडोल के पदों पर जगह-जगह हल्की बारिश हो सकती है। शेष क्षेत्र में प्रति समुद्री मील का प्रभाव से मौसम अब धीरे-धीरे शुष्क बना हुआ है। तीन-चार दिन में पूरे प्रदेश से पाइपलाइन की वापसी के भी आसार दिख रहे हैं।