पर प्रकाश डाला गया
- पन्ना में हिंदू महिला को खून दिया गया था राजा खान
- लैब तकनीशियन पूछताछ कर वापस जाने को कहा।
- घटना 22 जून की है, वीडियो अब वायरल हुआ है।
नईदुनिया प्रतिनिधि, पन्ना। मध्य प्रदेश के पन्ना स्थित जिला अस्पताल में हिंदू महिला रामा सोनकर पर आरोप लगाने वाली युवा राजा खान पर बिना किसी आरोप के हमला करने का मामला सामने आया है। हालांकि हॉस्पिटल के इंजीनियर आलोक गुप्ता का कहना है कि बाद में पता चला कि खून देने वाला युवक सुरेश सोनकर का दोस्त है तो फिर खून ले गया।
दरअसल, सुरेश की मां राम सोनकर को बुरी तरह से भर्ती कर लिया गया था। इस दौरान रक्त की आवश्यकता पर सुरेश ने अपने मित्र राजा खान को मूल्यांकन के लिए बुलाया। रविवार को सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद मामला सामने आया। बताया गया कि यह वीडियो और घटना 22 जून 2024 की है।
मरीज के बेटों ने लगाया आरोप
सुरेश सोनकर का आरोप था कि उनकी मां को खून देने के लिए आए युवा राजा खान से ब्लड बैंक के तकनीशियन रविकांत शर्मा ने नाम पूछा था। इसके बाद उन्होंने कहा कि जो खून दे रहा है, वह मुस्लिम है और जिसे खून दिया जा सकता है, वह हिंदू है, इसलिए खून नहीं लगाया जा सकता। सुरेश का आरोप है कि तकनीशियन ने उसे वहां बुलाया था।
सिविल अधिकारियों की है शिकायत
मामले में शिकायत सिविल सर्जन आलोक गुप्ता की हुई थी। इसके बावजूद नोटिस जारी करने के अलावा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। सिविल सर्जन आलोक गुप्ता ने कहा कि लैब तकनीशियन द्वारा हिंदू और मुस्लिम को लेकर कुछ बातें सामने आने का मामला सामने आया है। नोटिस का जवाब भी दिया था.
बाद में ख़ून ले लिया गया
गुप्ता कहते हैं कि रिवायत, कई बार हॉस्पिटल में प्रोफेशनल डोनर एक्टिव रहते हैं, इसलिए ब्लड बैंक से जुड़े लोगों से पूछताछ करते हैं। बाद में जब पता चला कि डोनर वह युवक का दोस्त है तो हमने उसका खून ले लिया। गुप्ता ने कहा कि सीएम के घर के पास एक्शन के लिए एपिसोड है।
राजा व माँ का समूह एक था
सुरेश सोनकर ने बताया कि जून महीने में मां की अचानक तबीयत खराब हो गई थी। डॉक्टर ने खून की दवा की जरूरत थी। राजा और माँ का ब्लड ग्रुप एक ही था। प्राथमिक जांच के बाद जब बिटकॉइन के लिए ब्लड बैंक अमेरिका थे।
ढाँचे से दो घंटे बाद लगाया जा सकता है
- युनाइटेड सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सेवानिवृत्त ब्लड बैंक के प्रभारी शरद जैन ने परामर्श दिया।
- मिथक ने बताया कि जब भी कोई रक्तदाता आता है तो हम सबसे पहले उससे सामान्य प्रश्न करते हैं।
- जैसे कि परिवार में कितने सदस्य हैं, घर कहां हैं आदि, जिससे पता चलता है कि रक्तदाता कौन है।
- वर्तमान में रक्त की जांच के बाद दो घंटे में पीड़ित को रक्त चढाया जा सकता है।
- कोशिश रहती है कि ब्लड बैंक में मौजूद रक्त को पहले चढ़ाया जाए ताकि नए रक्त स्टॉक में रह सकें।
- वैसे भी अगर डोनर प्रोफेशनल है तो उसका एचबी डेढ़ 12 से ज्यादा बार नहीं आता है।
- नस देखकर भी पता चल जाता है। ब्लड बैग पर डोनर का नाम नहीं सिर्फ संख्या होती है।
- प्रोफेशनल डोनर का एचबीबी सही है और सभी परीक्षण के आधार पर रक्त लिया जा सकता है।