लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद झारखंड भाजपा में फूट पड़ती दिखाई दे रही है। हार के बाद भाजपा में बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। हार की समीक्षा के लिए हुई बैठक में देवघर विधायक के साथ मारपीट की भी घटना हो गई। मामले को बढ़ता देख गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को हस्तक्षेप करना पड़ा है।
भारतीय जनता पार्टी में लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से बयानबाजी और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप प्रारंभ हो गए हैं। हार की समीक्षा करने के लिए हुई बैठक में देवघर के विधायक नारायण दास से मारपीट की घटना हुई।
आरोप है कि गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे के कुछ समर्थकों ने नारायण दास पर चुनाव में विरोध करने की बात कहकर हंगामा किया। इसी तरह दुमका से भाजपा प्रत्याशी रहीं सीता सोरेन ने अपनी हार के लिए जिला स्तर के नेताओं से लेकर प्रदेश के नेताओं तक पर आरोप लगा दिया।
शीर्ष नेतृत्व ने अनर्गल बयानबाजी पर रोक का दिया निर्देश
दिल्ली में आयोजित गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की बैठक में झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को इस तरह की बयानबाजी पर अविलंब रोक लगाने को कहा गया।
गुरुवार को प्रदेश भाजपा के सभी नेताओं की
दिल्ली से वापसी हो रही है। रांची आते ही बाबूलाल मरांडी प्रदेश के दूसरे नेताओें से मिलकर इस मामले का पटाक्षेप करने की कोशिश करेंगे।
विधानसभा चुनाव में हो सकता है नाराजगी का असर
भाजपा नेताओं को इस विवाद के जारी रहने पर विधानसभा चुनाव में नुकसान का अंदेशा है। पार्टी गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे और देवघर विधायक नारायण दास के बीच हुए विवाद को जल्द समाप्त करना चाहती है।
केंद्र से मिले निर्देश के मुताबिक, बिना अनुशासन का डंडा चलाए आपसी बातचीत से ही इसका समाधान निकाला जाएगा।
इसी तरह सीता सोरेन के बयान पर भी पार्टी बहुत आक्रामक प्रतिक्रिया नहीं देगी। इस मामले को भी समझा-बुझाकर समाप्त करने की कोशिश की जाएगी।