निकट भविष्य में कोरोना (कोविड-19) की वैक्सीन के आने की संभावना को देखते हुए झारखंड अपनी तैयारियां पूरी कर चुका है. टीकाकरण के लिए प्रशिक्षण का कार्य भी पूरा हो चुका है. शुरुआती चरण में झारखंड में सात हजार वैक्सीनेटर एक लाख लोगों को कोरोना का टीका लगायेंगे. स्वास्थ्य विभाग के एनएचएम के अभियान निदेशक रविशंकर शुक्ला ने इसकी पुष्टि की है.
इधर, स्वास्थ्य विभाग के टीकाकरण प्रभारी डॉ अमर कुमार मिश्रा ने बताया कि झारखंड में पहले चरण में एक लाख दो हजार दो सौ हेल्थ वर्करों को टीका दिया जाना है. इनकी सूची भारत सरकार को भेज दी गयी है. ये वैसे स्वास्थ्य कर्मी हैं, जो प्रत्यक्ष रूप से कोरोना मरीजों की देखभाल में लगे हुए हैं. इन्हें ‘फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर’ कहा गया है.
इनमें सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर, नर्स, वार्ड ब्वॉय, एंबुलेंस ड्राइवर और अन्य स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं. इनके बाद ‘फ्रंट लाइन वर्कर’ को वैक्सीन दिया जाना है. इनमें पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी आदि शामिल हैं. इसके बाद 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और ‘कोमोर्बिड’ लोगों का टीकाकरण होगा. कोमोर्बिड का तात्पर्य उन लोगों से है, जिन्हें डायबिटीज, हाइपर टेंशन या हृदय की बीमारी पहले से है.
275 कोल्ड चेन प्वाइंट बन चुके हैं पूरे राज्य में : वैक्सीन रखरखाव के लिए भारत सरकार ने झारखंड सरकार को वाकिंग कूलर(डब्ल्यूसी) और वाकिंग फ्रीजर(डब्ल्यूएफ) वैन आवंटित किया है. यह जल्द ही झारखंड को मिल जायेगा. इधर, झारखंड में जिलों से लेकर प्रखंडों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए 275 कोल्ड चेन प्वाइंट बन चुके हैं.
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