मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मनरेगा में न्यूनतम मजदूरी दर बढ़ाने की पहल करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि मनरेगा से ग्रामीण इलाके की एक बड़ी आबादी को फायदा पहुंचाया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के तहत मजदूरी दर अभी भी न्यूनतम मजदूरी दर से कम है. मनरेगा श्रमिकों को प्रति दिन 194 रुपए मजदूरी मिलती है, जबकि राज्य में न्यूनतम मजदूरी दर 283 रुपए है. ऐसे में इस अंतर को कम करने के लिए मनरेगा मजदूरी दर मे बढ़ोत्तरी जरूरी है.इस बाबत केंद्र सरकार से सहमति लेने की दिशा में विभाग कदम उठाए. ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने उक्त निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के तहत ज्यादा से ज्यादा काम सृजित करने पर फोकस किया जाये.
विभाग की ओर से बताया गया कि मनरेगा के तहत वर्ष 2020-21 में ली गयी नीलांबर-पीताबंर जल समृद्धि योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, वीर शहीद हो खेल विकास योजना और दीदी बाड़ी योजना का बेहतर रिजल्ट रहा है. नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना के तहत एक लाख हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया था, जबकि उपलब्धि 1.94 लाख हेक्टेयर में योजना का क्रियान्वयन हुआ.
वहीं, बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत 20 हजार एकड़ की तुलना में 26 हजार एकड़, वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के तरह एक हजार मैदान विकसित करने का लक्ष्य था, जबकि 1881 खेल मैदान बनाए जा चुके हैं. वहीं दीदी बाड़ी योजना के तहत पांच लाख पोषण वाटिका बनाने का लक्ष्य रखा गया है
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