राजधानी रांची में रहने वाले लोगों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है। शहर की स्वच्छता रैंकिंग को और बेहतर बनाने के लिए रांची नगर निगम संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम से जुड़ने वाला है। इसके लिए दोनों संस्थाओं के बीच जल्द ही एमओयू हो सकता है। बताया जा रहा है कि योजना के तहत रांची नगर निगम क्षेत्र में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन की व्यवस्था की जाएगी। इसके तहत 54 वार्ड में कचरा प्रबंधन के लिए अलग इंतजाम किए जाएंगे।
रांची नगर निगम की ओर से प्लास्टिक कचरा निस्तारण की व्यवस्था के स्थान उपलब्ध कराए जाएंगे। यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत योजना का पूरा खर्च यूएनडीपी वहन करेगा। प्लास्टिक कचरे को अन्य कचरे से अलग करने के लिए सभी वार्ड में अलग कूड़ेदान की व्यवस्था की जाएगी। सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक के बावजूद दूसरे प्रकार के प्लास्टिक जैसे पानी और कोल्ड ड्रिंक की बोतल, खाने-पीने वाली सामग्रियों में इस्तेमाल होने वाले रैपर सहित अन्य सभी प्रकार के प्लास्टिक के कूड़े अब भी सबसे बड़ी समस्या बने हुए हैं।
लिहाजा अब इसके निस्तारण के लिए अलग से यह योजना बनाई गई है। यह कचरा प्रबंधन अलग-अलग वार्डों में ही होगा। दरअसल, सभी वार्डों से प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा कर दूसरे कचरे से अलग कर इसका निस्तारण किया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) लगभग 170 देशों और क्षेत्रों में काम करता है। यह संगठन गरीबी उन्मूलन और असमानता तथा बहिष्करण में कमी के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करता है। यह देशों के नेतृत्व कौशल, भागीदारी की क्षमताएं, संस्थागत क्षमताएं और आपदा सहने की क्षमता विकसित करने में मदद करता है, ताकि सतत् विकास परिणाम हासिल किए जा सकें। यूएनडीपी ने 1951 से मानवीय विकास के लगभग सभी क्षेत्रों में भारत में काम किया है। इनमें लोकतांत्रिक प्रशासन से लेकर गरीबी उन्मूलन, संवहनीय ऊर्जा और पर्यावरणीय प्रबंधन तक सब शामिल है। यूएनडीपी के कार्यक्रम राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप होते हैं। इनकी हर वर्ष समीक्षा करने के बाद इनमें फेरबदल किया जाता है।
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