झारखंड भी दूसरे राज्यों की तरह जीएसटी कंपनसेशन के बदले ऑप्शन-वन के तहत कर्ज लेने को तैयार है. इससे संबंधित पत्र केंद्र सरकार को भेज दिया गया है. यह जानकारी राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने दी. भारत सरकार की ओर से गुरुवार को यह बताया गया था कि जीएसटी कंपनसेशन के बदले में झारखंड को छोड़ कर शेष सभी राज्यों ने ऑप्शन-वन के तहत कर्ज लेने पर सहमति दे दी है. साथ ही उन्हें भुगतान भी किया जा रहा है.
इस संबंध में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि झारखंड ने भी ऑप्शन-वन के तहत जीएसटी कंपनसेशन के बदले कर्ज लेने के लिए केंद्र सरकार को पत्र भेज दिया है. हालांकि, पत्र मिलने में देर होने से केंद्र की सूची में झारखंड द्वारा सहमति दिये जाने का उल्लेख नहीं है. डॉ उरांव ने कहा कि आप्शन-वन के तहत केंद्र सरकार ही कर्ज लेकर विशेष विंडो के सहारे राज्यों को दे रही है.
केंद्र सरकार ही कर्ज और सूद की रकम चुकायेगी. ऐसी स्थिति में यह कर्ज जीएसटी कंपनसेशन के समान ही है. इसलिए राज्य सरकार ने भी ऑपशन-वन के तहत कर्ज लेने पर सहमति दे दी है. राज्य सरकार का जीएसटी कंपनसेशन मद में केंद्र सरकार पर 3559.39 करोड़ रुपये बकाया है. दूसरा ऑप्शन राज्य को स्वीकार नहीं है, क्योंकि इसमें राज्य को खुद ही आरबीआइ से कर्ज लेना होगा. कर्ज की रकम केंद्र सरकार चुका देगी, पर सूद राज्य को चुकाना होगा
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