कोरोना की दूसरी लहर आने से पूर्व इस महामारी से स्वस्थ हुए लोगों में थकान की समस्या सुनने को मिल रही है। लंबे समय से कुछ लोग कमजोरी भी महसूस कर रहे हैं। ऐसे में कुछ मरीज कोरोना से स्वस्थ होने के बाद अपनी समस्या लेकर रिम्स भी पहुंच चुके हैं और चिकित्सक उन्हें नियमित आराम, हेल्दी डाइट और व्यायाम की सलाह दे रहे हैं।
रिम्स के डॉ बी कुमार का कहना है कि जो लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और ठीक होकर घर वापस आ गए हैं, वे लंबे समय तक कमजोरी भी महसूस करते हैं। उनके शरीर में यह थकान करीब तीन से चार सप्ताह तक रह सकती है। दरअसल यह पोस्ट वायरल साइड इफेक्ट होता है। इस इफेक्ट को वायरल क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम भी कहा जाता है। यह सिंड्रोम डेंगू, स्वाइन फ्लू और इन्फ्लूएंजा के मरीजों में देखा जाता है, लेकिन इससे ठीक होने में एक से दो सप्ताह का समय लगता है।
डॉ बी कुमार ने बताया कि वायरल संक्रमण शरीर में मौजूद प्रोटीन को तोड़ता है। इससे शरीर की कोशिकाओं को क्षति पहुंचती है। इससे कोशिकाएं कमजोर हो जाती हैं। यही कारण है कि शरीर थकान और कमजोरी महसूस करता है। इसके अलावा वायरस से शरीर की एंटीबॉडी भी लगातार लड़ती रहती है। इससे शरीर की ऊर्जा नष्ट हो जाती है।
शरीर में पानी की कमी भी होने लगती है। इसलिए डॉक्टर मरीजों को हाई प्रोटीन से युक्त आहार लेने और भरपूर मात्रा में पानी पीने की सलाह देते हैं ताकि वे जल्दी ही ठीक हो सकें। इधर, सदर अस्पताल की डायटिशियन ममता कुमारी ने बताया कि कोरोना से ठीक होने के बाद मरीज को प्रोटीन युक्त चीजें लेते रहना चाहिए।
इसके लिए चना, मूंग, मोठ के अंकुरित अनाज, पनीर, अंडे का सफेद हिस्सा, दूध, दही, सोयाबीन और सभी प्रकार की दालें ज्यादा खानी चाहिए। इसके अलावा अन्य पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए फल और हरी सब्जियां खानी चाहिए। इनमें एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है। इसके अलावा वसायुक्त भोजन जैसे मैदा, ब्रेड, आदि चीजों से परहेज करना चाहिए।
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