झारखंड में 2002 से लेकर अब तक कुल 25757 एचआईवी पॉजिटिव मिल चुके हैं. इनमें 20919 का एआरटी सेंटर में इलाज चल रहा है. अन्य या तो बाहर या दूसरे राज्य में चले गये हैं या अपना इलाज नहीं करा रहे हैं. झारखंड एड्स कंट्रोल सोसाइटी की रिपोर्ट के अनुसार राज्य के छह जिलों में सबसे अधिक एचआईवी पॉजिटिव मरीज हैं. इनमें रांची, हजारीबाग, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, गिरिडीह और कोडरमा शामिल हैं. झारखंड में एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के इलाज के लिए 12 एंटीरिट्रोवायरल थेरापी (एआरटी) सेंटर बने हुए हैं. इस समय 20919 मरीज एआरटी सेंटर में निबंधित हैं और अपना इलाज करा रहे हैं.
झारखंड में एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को दवा लेने के लिए आने-जाने को लेकर प्रतिमाह एक हजार रुपये दिये जाते हैं. यह राज्य सुरक्षा पेंशन योजना के तहत दिया जाता है. इस समय 3500 एचआईवी पॉजिटिव इस योजना का लाभ ले रहे हैं. एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की देखभाल व सहायता के लिए पांच केयर एंड सपोर्ट सेंटर भी रांची, जमशेदपुर, धनबाद, हजारीबाग और गिरिडीह में संचालित हैं.
झारखंड के 23 जिलों में हाई रिस्क ग्रुप के बीच जागरूकता फैलाने के लिए 19 एनजीओ कार्यरत हैं. ये एनजीओ फीमेल सेक्स वर्कर, ट्रकर और प्रवासियों के बीच काम करते हैं. वहां इनके बीच एचआईवी से बचाव की जानकारी दी जाती है. वहीं इंजेक्शन के माध्यम से ड्रग लेने वालों के इलाज के लिए भी दो ओएसटी सेंटर कार्यरत हैं. एक पीएमसीएच धनबाद व दूसरा जमशेदपुर सदर अस्पताल में है. इसके अलावा समय-समय पर जेल में भी झारखंड राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी द्वारा एचआईवी और टीबी को लेकर जागरूक करने का काम किया जाता है. कैदियों का एचआईवी टेस्ट भी कराया जाता है.
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