रांची के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में पहले से ही शिक्षकों की कमी है। इसके कारण पठन-पाठन में विद्यार्थियों को परेशानी होती है। विश्वविद्यालय में एक भी प्रोफेसर नहीं हैं। ऐसे में शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता बनी रहे, इसके लिए विश्वविद्यालय ने फिलहाल अपने स्तर पर यूजी कोर्स के लिए अनुबंध पर घंटी आधारित शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया शुरू की है।
डीएसपीएमयू गठन के बाद से ही प्रोफेसर की कमी झेल रहा है। हालांकि विश्वविद्यालय अपने स्तर पर समय-समय पर अनुबंध पर शिक्षकों की बहाली करता रहा है। विभाग में न्यूनतम एक प्रोफेसर अनिवार्य है। इसे देखते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से यूजी कोर्स के लिए अनुबंध पर घंटी आधारित प्रोफेसरों की बहाली प्रक्रिया शुरू की गई है। 10 अक्टूबर तक आवेदकों से आवेदन मांगा गया।
इसके आधार पर आवेदनों की स्क्रूटनी के बाद प्रशासन ने मूल प्रमाण पत्रों के सत्यापन की तिथि 28 नवंबर से 5 दिसंबर तय की है। इसे लेकर एक कमेटी भी बनाई गई है, जो इस पूरे मामले को देखेगी। बहाली में अभ्यर्थियों की मैट्रिक से लेकर पीजी तक की डिग्री, शैक्षणिक अनुभव प्रमाण पत्र, रिसर्च पब्लिकेशन समेत अन्य कागजों की जांच होगी। सत्यापन कार्य पूरा होने के बाद ही अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लिया जाएगा।
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