झारखंड और बिहार का आतंक भाकपा माओवादी का जोनल कमांडर आलोक पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है। वह गया जिले के बाराचट्टी थाना क्षेत्र के महुवारी गांव में कोबरा बटालियन और भाकपा माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ ढेर हो गया। उसके साथ दो और लोग भी मारे गए हैं। इसमें एक धनगांव के मुखिया प्रतिनिधि बीरेंद्र यादव तथा दूसरा ग्रामीण है। कौलेश्वरी जोन का जोनल कमांडर आलोक उर्फ रवि उर्फ संतोष यादव चतरा जिले के सदर थाना क्षेत्र के सिंदूवारी गांव का रहने वाला था।
उसने झारखंड और बिहार में आतंक मचा रखा था। उसके आतंक को देखते हुए झारखंड सरकार ने उस पर 10 लाख रुपये का इनाम रखा था। उसके विरुद्ध सिर्फ चतरा जिले में हत्या, मुठभेड़, अपहरण आदि के तीन दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुखिया प्रतिनिधि वीरेंद्र यादव की हत्या के उद्देश्य से जोनल कमांडर आलोक यादव अपने दस्ता के साथ देर रात को महुवारी गांव पहुंचा था। उस वक्त गांव में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम हो रहा था।
मुखिया प्रतिनिधि कार्यक्रम में शामिल था। दस्ता का एक सदस्य उस कार्यक्रम से उसे उठाकर बाहर ला रहा था। ग्रमीणों को संदेह हुआ। उन्होंने इसकी जानकारी बाराचट्टी थाना पुलिस को दी। बाराचट्टी थाना ने पूरे मामले की जानकारी गया एसपी को दी। इधर कोबरा बटालियन की एक टीम पहले से ही उस क्षेत्र में छापेमारी अभियान के तैनात थी। एसपी ने कोबरा की टीम को पूरी स्थिति से अवगत कराया।
कोबरा के जवान बगैर समय गवांए मौके पर पहुंचे। जवानों को देखते ही माओवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी। कोबरा के जवान जवाबी कार्रवाई करते हुए फायरिंग शुरू की। फायरिंग के दौरान जोनल कमांडर आलोक के साथ मुखिया प्रतिनिधि एवं एक अन्य ग्रामीण मारा गया। गया पुलिस ने तीनों शवों को अपने कब्जे में करते हुए पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल काॅलेज भेज दिया है।
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