रक्षा मंत्रालय ने सैनिक स्कूल के माध्यम से लड़कियों एवं पिछड़े वर्ग (ओबीसी) को नया तोहफा दिया है। सत्र 2021-22 से सैनिक स्कूल में नामांकन हेतु इन दो वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इससे सैन्य सेवाओं में लड़कियों को समुचित प्रतिनिधित्व मिल सकेगा। गौरतलब हो कि पहले सैनिक स्कूल सिर्फ लड़कों के लिए आवासीय विद्यालय थे। पर, अब भारत के सभी 33 सैनिक स्कूलों के द्वार लड़कियों के लिए खोल दिए गए हैं।
साथ ही सत्र 2021-22 से पिछड़े वर्गों के लिए भी आरक्षण की पहल हुई है। पूर्व में अनुसूचित जाति के लिए 15 फीसद, अनुसूचित जनजाति के लिए 7.5 फीसद एवं सैन्य सेवाओं में कार्यरत के बच्चों के लिए 25 फीसद आरक्षण के प्रावधान थे। अब इनके अतिरिक्त लड़कियों के लिए 10 फीसद तथा पिछड़े वर्ग ( नॉन क्रीमी लेयर) के लिए 27 प्रतिशत सीट आरक्षित कर दिए गए हैं। शेष रिक्तियां सामान्य वर्ग के लिए होगी। इस संबंध में शुक्रवार को एक प्रेस बयान जारी कर सैनिक स्कूल तिलैया के प्राचार्य ग्रुप कैप्टन आर सकलानी ने रक्षा मंत्रालय के इस पहल को का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि यह चिर प्रतिक्षित आकांक्षा थी, जिसे पाकर लड़कियों की हसरतों को पंख लगेंगे।वही पिछड़े वर्ग की सैन्य सेवा में अपनी भागीदारी की अधिकाधिक संभावनाएं बढ़ेगी।
नारी सशक्तिकरण और सामाजिक समरसता एवं उत्थान के इस प्रयास से सैनिक स्कूलों में एक नए बदलाव की गुणात्मक झलक दिखाई देगी। स्कूल के उप प्राचार्य लेफ्टिनेंट कर्नल डीके विश्वकर्मा एवं प्रशासनिक अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर हिमांशु शेखर हिमांशु शेखर ने भी रक्षा मंत्रालय के इस प्रयास की सराहना की है। सैनिक स्कूल तिलैया में कक्षा 6 (लड़कों एवं लड़कियों के लिए) तथा कक्षा 9 (केवल लड़कों के लिए) में 20 अक्टूबर 2020 से 19 नवंबर 2020 तक प्रवेश के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षण एजेंसी (एनटीए) के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
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