झारखंड के शिक्षामंत्री जगन्नाथ महतो के फेफड़ों का प्रत्यारोपण सफलता के साथ मंगलवार को पूरा हो गया। कोरोना के कारण महतो के फेफड़े पूरी तरह खराब हो गए थे। चेन्नई के महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) हेल्थकेयर के डाक्टरों ने इस कठिन आपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया।
एमजीएम के लंग एंड चेस्ट मेडिसीन के क्लिनिकल डायरेक्टर डाक्टर अपार जिंदल के अनुसार आपरेशन में करीब 11 घंटे का समय लगा। महतो की हालत स्थिर है और तेजी से रिकवरी हो रही है।
फेफड़ों के पूरी तरह खराब होने के कारण शिक्षा मंत्री करीब 21 दिनों से लाइफ सपोर्ट पर थे। हास्पिटल के साथ ही झारखंड सरकार महतो के लिए फेफड़ा दान करने वाले की तलाश में लगी थी। डाक्टर जिंदल के अनुसार एमजीएम हास्पिटल में ही इसकी व्यवस्था हो गई और मंगलवार को सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण कर लिया गया।
आपरेशन के बाद मंगलवार की रात ही मंत्री को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया है। फिलहाल करीब दो से तीन हफ्ते तक मंत्री तो हास्पिटल में ही डाक्टरों की गहन निगरानी में रखा जाएगा। डाक्टर जिंदल ने कहा कि इस तरह के आपरेशन में रिकवरी रेट करीब 90 प्रतिशत है। जल्द ही वह अपनी सामान्य दिनचर्या में आ जाएंगे।
फेफड़ों को कोरोना वायरस से बचाने के बारे में पूछने पर डाक्टर जिंदल ने बताया कि संक्रमण की चपेट में आने के बाद आप कुछ नहीं कर सकते हैं। सबसे सही तरीका संक्रमण से ही बचाव करना है। इसके लिए जरूरी है कि मास्क लगाया जाए, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए और सेनेटाइजेशन लगातार किया जाए।
करीब 53 वर्षीय मंत्री 28 सितंबर को कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे। महतो को पहले राजधानी रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया था। बाद में बेहतर उपचार के लिए शिक्षा मंत्री को मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मेडिका में उपचार से भी हालत में सुधार न होते देख उन्हें एयर एम्बुलेंस से चिकित्सकों की निगरानी में चेन्नई के एमजीएम ले जाया गया।
मंत्री के बेटे अखिलेश महतो के अनुसार फिलहाल सबकुछ अच्छा है। डाक्टरों के अनुसार रिकवरी तेजी से हो रही है। उम्मीद है कि हम लोग जल्द ही झारखंड लौटेंगे। अखिलेश के अनुसार झारखंड सरकार ने इलाज के लिए 50 लाख की पहले किस्त जारी कर दी है।
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