झारखंड की दो सीटों पर हुए उपचुनाव की तस्वीर लगभग साफ होती दिख रही है। बेरमो में कांग्रेस प्रत्याशी कुमार जयमंगल अपने पिता की विरासत बचाते हुए दिख रहे हैं। कद़दावर कांग्रेसी पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह के निधन से रिक्त हुई इस सीट पर सबकी निगाहें लगी थी कि जयमंगल यहां कमाल कर पाते हैं नहीं। मतगणना में महज चार राउंड की गिनती बची है और उन्होंने अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी से 13 हजार से अधिक मतों की बढ़त ले ली है।
इस बढ़त को पाट पाना भाजपा प्रत्याशी योगेश्वर महतो बाटुल के लिए मुश्किल लग रहा है। वहीं, अपने गढ़ दुमका को बचाने में झामुमो को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन भाजपा प्रत्याशी डाॅ लुईस मरांडी से लगातार पीछे चल रहे हैं। यहां दस राउंड की गिनती पूरी हो चुकी है। बसंत सोरेन अपने प्रतिद्वंद्वी लुईस से तीन हजार से अधिक मतों से पीछे हैं।
बसंत सोरेन की निगाहें ग्रामीण क्षेत्रों के मतों पर लगी हैं, जहां पिछली बार झामुमो को काफी वोट मिले थे। यहां अगर वह भाजपा को रोकने में कामयाब रहे, तभी उनकी जीत संभव है। 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन दुमका और बरहेट दोनों सीटों से चुनाव जीते थे। बाद में उन्होंने दुमका सीट छोड़ दी थी। दुमका झामुमो का गढ़ माना जाता है। पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन यहां से छह बार सांसद रहे हैं।
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