कोरोना का कहर धीरे धीरे कम होता जा रहा है। लेकिन यह कब तक कम रहेगा यह कहा नहीं जा सकता। विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार नवंबर के अंत और दिसंबर में एक बार फिर संक्रमण तेजी से बढ़ सकता है। इधर कुछ दिनों से मामले कम आने के साथ लोगों ने लापरवाही बरतनी शुरू कर दी है। यह घातक साबित हो सकता है। हालांकि फिलहाल कोरोना संक्रमितों की संख्या कम होने से अस्पतालों में दूसरे वार्ड में बेड की संख्या बढ़ गई है।
पहले जिले में एक दिन में 400 से अधिक मामले मिलते थे, जो अब घटकर 100 से भी कम हो गया है। इसके साथ ही विभिन्न निजी व सरकारी अस्पतालों में गंभीर मरीजों की संख्या भी कम गई है। जहां रिम्स के कोविड आइसीयू में एक भी बेड मरीजों को नहीं मिल पाता था, वर्तमान में कई कोविड आइसीयू में बेड खाली पड़े हैं। वहीं रिम्स के ही मेडिसिन डी 1 और डी 2 वार्ड को भी कोविड वार्ड बनाया गया था, जो पिछले तीन दिनों से खाली पड़ा है। एक भी संक्रमित वहां भर्ती नहीं हैं।
बताते चले कि स्थिति इस कदर बदतर हो चुकी थी कि रिम्स की कोविड आइसीयू तो दूर सामान्य कोविड वार्ड में बेड उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सकों से पैरवी करनी पड़ती थी। बावजूद बेड उपलब्ध नहीं रहने से लोगों को नहीं मिल पाता था। मरीजों की संख्या कम होने से अब निजी अस्पतालों में भी मरीजों का दबाव कम हुआ है।
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