चाईबासा. सदर (चाईबासा) प्रखंड मुख्यालय से करीब आठ किमी दूर सब्जी की खेती पर आश्रित कुइदबुसू गांव के लोग भारी जल संकट से जूझ रहे हैं. इन दिनों पड़ रही प्रचंड गर्मी से परेशानी दोगुनी हो गयी है. गांव में करीब पांच साल पहले पेयजल का पाइप बिछाया गया था. शुरुआत में दो-तीन घंटे का टेस्ट किया गया था. इसके बाद से पाइप सूखा पड़ा है. गांव के लोग चापाकल से प्यास बुझा रहे हैं. पानी के अभाव में खेत में लगी सब्जी भिंडी खराब होने लगी है.
गांव में 125 कच्चे मकान, तीन को मिला आवास, कई बुजुर्ग पेंशन से वंचित
गांव में 125 कच्चे मकानों में करीब 300 लोग रहते हैं. सभी को पक्के मकान की दरकार है. गांव के 20 से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया थे, लेकिन मात्र तीन लोगों को आवास मिल सका है. तीन ग्रामीणों का अबुआ आवास निर्माणाधीन है. दर्जनभर से ज्यादा बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिल रही है.
गांव का नाला सूखने से खेती हुई मुश्किल
गांव के ज्यादातर लोग मजदूरी और खेती पर निर्भर हैं. ग्रामीणों ने बताया कि गांव की मिट्टी खेती के लिए उपयुक्त है. यहां भिंडी सहित अन्य हरी सब्जियों की खेती होती है. पहाड़ के नीचे बसे गांव में एक नाला है, लेकिन गर्मियों में सूख गया है. खेती में पटवन नहीं हो पा रहा है. ग्रामीणों ने उक्त नाला को व्यवस्थित करने की मांग की है. यहां लोग मछली पालन भी कर सकते हैं. उक्त नाले में पानी कम कीचड़ ज्यादा है.
…क्या कहते हैं ग्रामीण…
गांव में डीप बोरिंग की व्यवस्था की जाये, तो लोग अच्छी तरह खेती कर पाएंगे. इससे लोगों को हरी सब्जियां मिलेंगी. ग्रामीणों की आमदनी बढ़ेगी.
– महावीर बारी, ग्रामीण
गांव में आवागमन के लिए पीसीसी सड़क का काम शुरू हुआ था, लेकिन करीब आठ साल से अधूरा है. बरसात में पैदल चलना भी मुश्किल है.
– कृष्णा बारी, ग्रामीण
गांव में आबादी के हिसाब से चापाकल नहीं है. साल भर पेयजल की समस्या रहती है. सरकार कम से कम 4-5 चापाकलों की व्यवस्था करे.
– प्रेमलाल बारी, ग्रामीण
गांव में पेयजल पूर्ति की मुकम्मल व्यवस्था नहीं है. करीब पांच साल पहले करोड़ों खर्च कर पाइपलाइन बिछायी गयी, लेकिन लाभ नहीं मिल रहा है.
– सतारी बारी, ग्रामीण
गांव में मात्र तीन लोगों को अबुआ आवास मिला है. कई बार विधायक प्रतिनिधि से शिकायत की गयी है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
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चंद्रमोहन बारी, ग्रामीण
मैंने वृद्धा पेंशन के लिए आवेदन किया, लेकिन लाभ नहीं मिल नाया है. मेरी उम्र 75 वर्ष हो गयी है. कई बार प्रखंड कार्यालय भी गया.
– मानी बारी, ग्रामीण
मेरी उम्र 80 वर्ष से ज्यादा है. करीब 20 साल पहले आवेदन किया था. आज तक वृद्धा पेंशन नहीं मिली. परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
– दुर्गाचरण बारी, ग्रामीण
गांव के लोग बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं. न वृद्धावस्था पेंशन मिल रही, न अबुआ आवास. ग्रामीण पानी की समस्या से जूझ रहे हैं.
– शिवलाल बारी, ग्रामीणB
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