जमशेदपुर.
इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), जमशेदपुर ने दो दिवसीय राष्ट्रीय रचनात्मकता ओलिंपियाड-2025 का आयोजन बिष्टुपुर स्थित एसएनटीआइ ऑडिटोरियम में किया. जिसका शुभारंभ शनिवार को हुआ. उद्घाटन समारोह की शुरुआत रीना भट्टाचार्य द्वारा प्रस्तुत गणेश वंदना से हुई. स्वागत भाषण टीएसएल के चीफ मैकेनिकल मेंटेनेंस सतीश कुमार तिवारी ने दिया. उन्होंने जमशेदपुर लोकल सेंटर की गतिविधियों की जानकारी दी. ओलंपियाड के चेयरमैन एन. राजेश कुमार ने आयोजन के उद्देश्य और स्वरूप की संक्षिप्त जानकारी दी.
आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है : प्रज्ञा सिंह
मुख्य अतिथि डीएवी पब्लिक स्कूल, बिष्टुपुर की प्राचार्या प्रज्ञा सिंह ने नवाचार की आवश्यकता और आधुनिक तकनीक के प्रभाव पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि आज नवाचार का स्तर इतना ऊंचा हो चुका है कि बटन दबाते ही शॉवर से पानी आने लगता है. उन्होंने कोविड काल के दौरान हुए आविष्कारों का उल्लेख करते हुए कहा कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है. प्रज्ञा सिंह ने पारंपरिक शिक्षा जैसे ब्लैक बोर्ड और चाक से पढ़ाने पर जोर दिया. बताया कि आज टेक्नोलॉजी के कारण पढ़ाई स्क्रीन प्रेजेंटेशन से और भी प्रभावी हो गयी है. उन्होंने छात्रों के लिए खाली समय और रचनात्मक सोच के महत्व को रेखांकित किया. साथ ही यह भी कहा कि मनुष्यों को खुद को निरंतर अपडेट करना होगा, जैसे सॉफ्वेटयर या गैजेट्स को बार-बार रीबूट किया जाता है. इस आयोजन में भारत के विभिन्न हिस्सों से 24 स्कूलों की टीमों ने भाग लिया. इनमें उत्तराखंड के पिथौरागढ़, असम के गुवाहाटी, ओडिशा के पुरी व भुवनेश्वर, उत्तर प्रदेश के कानपुर व अलीगढ़, बिहार के पटना, पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर, झारखंड के रांची व जमशेदपुर जैसे शहर शामिल हैं. कार्यक्रम के अंत में जमशेदपुर लोकल सेंटर के सचिव टी. थिरुमुरुगन ने धन्यवाद ज्ञापन दिया.
विद्यार्थियों की क्रिएटिविटी ने मोहा मन
राष्ट्रीय रचनात्मकता ओलंपियाड-2025 के मंच पर देशभर के 24 स्कूलों के विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. इनमें से 18 स्कूल देश के विभिन्न राज्यों से आए थे, जबकि 6 स्कूल स्थानीय थे. छात्रों ने टीम वर्क, ग्लोबल वार्मिंग और ऊर्जा संरक्षण जैसे विषयों पर मॉडल प्रस्तुत किए. पहले सत्र में निर्णायकों ने इन मॉडलों की समीक्षा की. दूसरे सत्र में प्रतिभागियों ने ”ब्रिज” का मॉडल तैयार किया.दोनों सत्रों के समापन के बाद शाम 7 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक झलक देखने को मिली.
ऊर्जा संरक्षण पर वेस्टेड मटेरियल से मॉडल निर्माण
विद्यार्थियों को वेस्टेड सामग्री जैसे कागड के ग्लास, लस्सी की बोतलें, पाइप, कार्डबोर्ड, थर्मोकोल, सिल्वर फॉयल पेपर आदि उपलब्ध कराए गए. उन्हें ग्लोबल वार्मिंग व ऊर्जा संरक्षण पर मॉडल बनाना था. विद्यार्थियों को दो घंटे का समय दिया गया. छात्रों ने सोलर एनर्जी का प्रयोग कर मॉडल बनाए, जिन्हें खुले आसमान के नीचे सूरज की किरणों के समक्ष लाइव डेमो के रूप में प्रस्तुत किया गया.
विद्यार्थियों की प्रतिक्रियाएं
मदर पब्लिक स्कूल, ओडिशा की टीम में जावेद अख्तर, सोयम पांडा, जीतनारायण, पूजा पांडा और एसआर मोहित प्रधान शामिल रहे. इन छात्रों ने कहा कि टीम के साथ मिलकर काम करने का अवसर मिला, जिससे बहुत कुछ सीखने को मिला. डीएवी मॉडल स्कूल, दुर्गापुर के ईमन मांझी, सौम्याभो बंदोपाध्याय, सौम्यजीत पाल, आदित्य लोध ने बताया कि उन्होंने सोलर लाइट को अवशोषित कर पानी को तेजी से गर्म करने वाला मॉडल तैयार किया.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की छात्राएं कृतिका सिंह, नेकवर्णा शर्मा, इल्मा जवीन और फातीमा निसाद ने थर्मोकोल से पुल (ब्रिज) और ऊर्जा संरक्षण हेतु थर्मोकोल बॉक्स का मॉडल तैयार किया.
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