Hazaribagh Crime: एनटीपीसी के डीजीएम कुमार गौरव हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. इस मामले में चार अपराधी गिरफ्तार किए गए हैं. इसके साथ ही घटना में प्रयुक्त पिस्टल समेत अन्य सामान जब्त किए गए हैं. डीआईजी संजीव कुमार ने बताया कि मारे गए गैंगस्टर अमन साव के करीबी ने डीजीएम की हत्या करायी थी.
Hazaribagh Crime: हजारीबाग, शंकर प्रसाद-एनटीपीसी के डिस्पैच डीजीएम कुमार गौरव की हत्या पिछले दिनों पुलिस मुठभेड़ में ढेर गैंगस्टर अमन साव के करीबी ने करायी थी. कोयला कंपनी में दहशत फैलाने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया गया था. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मेन शूटर समेत चार अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है. यह खुलासा सोमवार को रेंज के डीआईजी संजीव कुमार, एसपी अरविंद कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया. हालांकि मारे गए गैंगस्टर अमन साव के करीबी का नाम पुलिस ने सार्वजनिक नहीं किया.
अपराधियों के पास से पिस्टल समेत कई सामान जब्त
डीआईजी संजीव कुमार ने कहा कि हत्या करनेवाले मेन शूटर समेत चार अपराधियों को हजारीबाग पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. डीजीएम कुमार गौरव को गोली मारनेवाला, रेकी करने वाला, शूटर को मोटरसाइकिल से लेकर चलनेवाला और हथियार आपूर्ति करनेवाले अपराधी को पुलिस ने पकड़ा है. डीजीएम की हत्या में प्रयुक्त पिस्टल, मोटरसाइकिल, कैश समेत अन्य सामान को पुलिस ने पकड़े गए अपराधियों के पास से जब्त किया है.
पुलिस के हत्थे चढ़े अपराधी
गिरफ्तार आरोपियों में बड़कागांव थाना क्षेत्र के लोहार मुहल्ला निवासी शूटर मिंटू कुमार पासवान उर्फ छोटा क्षत्रि (पिता-परमेश्वर पासवान), केरेडारी थाना क्षेत्र के जोरदाग माली टोला रैकी करनेवाला मनोज माली (पिता-कामेश्वर माली), बड़कागांव पुराना पानी नापोखुर्द के राहुल मुंडा उर्फ मिरिंडा (पिता-कोलेश्वर मुंडा) एंव चतरा के इटखोरी का हाथियार सप्लायर अजय यादव (पिता-टहल यादव) शामिल हैं.
पुलिस ने जब्त किए ये सामान
7.65 बोर की एक पिस्टल, तीन कारतूस, एक मैगजीन, बिना नंबर की एक लाल रंग की पल्सर मोटरसाइकिल, रेकी में इस्तेमाल काले रंग की एक पल्सर मोटरसाइकिल (जेएच 02बीपी-9888), हेलमेट, लाल रंग का जैकेट, टीशर्ट और जिंस और जूता समेत अन्य सामान जब्त किए गए हैं.
सीसीटीवी और मोबाइल कोल डंप से अपराधियों की पहचान
डीआईजी ने कहा कि घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एसआईटी ने जांच को आगे बढ़ाया. इसके बाद हजारीबाग बड़कागांव मार्ग में विभिन्न जगहों पर लगे सीसीटीवी फुटेज को पुलिस ने खंगाला. इसी क्रम में तकनीकी शाखा से मोबाइल कॉल डंप का भी मिलान किया गया. इसके बाद पुलिस को अपराधियों की पहचान मिली. इसके आधार पर एसआईटी ने अपराधियों की गिरफ्तारी करने के लिए छापेमारी की. गिरोह में शामिल होने के बाद युवकों को रुपए दिए जाते थे. पुलिस ने बताया कि मिंटू पासवान को शूटर बनाने के लिए ट्रेनिंग दी गयी थी.
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