Gumla News| गुमला, दुर्जय पासवान : लंबे समय तक झारखंड के घोर उग्रवाद प्रभावित जिलों में शुमार रहे गुमला जिले को उग्रवाद से मुक्त किया जायेगा. इसके लिए सरकार ने कई पहल की है. नागफेनी अंबाघाघ को पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा सरकार की ओर से की गयी है. सरकार ने कहा है कि सिसई प्रखंड के बेहद खूबसूरत नागफेनी अंबाघाघ में मूलभूत सुविधाएं विकसित की जायेंगी. इसके बाद पिकनिक के सीजन में यह क्षेत्र भी खूंटी के दशम फॉल, रीमिक्स फॉल, रांची के जोन्हा और हुंडरू फॉल की तरह कम से कम 2 महीने गुलजार रहेगा.
गुमला से 15 किलोमीटर दूर है नागफेनी अंबाघाघ
मूलभूत सुविधाओं के विकास के बाद नववर्ष या अन्य अवसरों पर नागफेनी अंबाघाघ घूमने के लिए आने वाले सैलानियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी. झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा है कि गुमला शहर से 15 किलोमीटर दूर नागफेनी अंबाघाघ को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा.
सरकार ने की अंबाघाघ को पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा
प्रभात खबर ने नागफेनी अंबाघाघ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग से संबंधित कई खबरें प्रकाशित की थी. झारखंड बजट परिचर्चा में गुमला के लोगों ने नागफेनी अंबाघाघ को विकसित करने की पुरजोर मांग की थी. आखिरकार सरकार ने नागफेनी अंबाघाघ को विकसित करने की घोषणा कर दी.
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नवंबर से जनवरी तक आती है सैलानियों की भीड़
सरकार की इस घोषणा के बाद सिसई के लोगों में खुशी की लहर है. उन्हें उम्मीद है कि अब नागफेनी अंबाघाघ की तस्वीर बदल जायेगी. यहां पर्यटकों के लिए सुविधाएं बहाल की जायेंगी. अभी भी हर साल नवंबर, दिसंबर और जनवरी के महीने में यहां सैलानियों की भीड़ हर दिन आती है. अन्य कई अवसरों पर भी लोग यहां घूमने-फिरने आते हैं.
नागफेनी अंबाघाघ और मंदिर को जानें
नागफेनी अंबाघाघ दक्षिणी कोयल नदी के किनारे है. यह पर्यटकों का एक पसंदीदा जगह है, जहां हर साल न्यू ईयर में लोग यहां घूमने आते हैं. गुमला जिले के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है. सिसई प्रखंड का यह बेहद खूबसूरत पर्यटन स्थल राजधानी रांची से 80 किलोमीटर, सिसई से 10 किलोमीटर और गुमला से 16 किलोमीटर की दूरी पर है. प्राचीन काल में यह स्थल नागवंशी राजाओं का गढ़ हुआ करता था. आज जहां अंबाघाघ है, उसके आसपास कई प्राचीन धरोहर हैं. नदी किनारे प्राचीन मंदिर है, जिसमें भगवान जगन्नाथ, भैया बलभद्र और बहन सुभद्रा विराजमान हैं. यहां साल में कई बार मेला लगता है. इसमें हजारों लोग पहुंचते हैं.
गुमला को मिलेंगी ये सौगातें
- गुमला जिले में राजकीय विश्वविद्यालय की स्थापना होगी.
- गुमला जिले में अभियंत्रण कॉलेज खुलेगा.
- अमृत 2.0 मिशन योजना के तहत वर्ष 2025-26 में जलापूर्ति योजना का निर्माण गुमला शहर में होगा. हर घर नल से शुद्ध पेयजल पहुंचेगा.
- गुमला शहर से 15 किमी दूर नागफेनी अंबाघाघ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा.
- गुमला जिले को उग्रवाद से मुक्त करने के लिए विशेष पैकेज मिलेगा.
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