टुसू मेला 2025: अल्पसंख्यक-झारखंडवासी एकता मंच की ओर से मंगलवार को बिस्टुपुर के गोपाल मैदान में विशाल टुसू मेला का आयोजन किया गया। इसमें न सिर्फ राज्य के सांस्कृतिक और पारंपरिक गीत-नृत्य के कलाकार हुए, बल्कि दूर-दराज और पड़ोसी राज्य ओडिशा और पश्चिम बंगाल से आए आकर्षक टुसू, चाडल और डोरी गाड़ी नाच का प्रदर्शन किया गया। अपनी कला से लोगों को रू-ब-रू साज़िशें। आयोजन स्थल गोपाल मैदान में पैर रखने की जगह नहीं थी। सर्वश्रेष्ठ मॉडल बनाने वालों को कैश अवार्ड की पेशकश की गई। मेले में सभी प्रतिमाओं और चाडलों के लिए सूर्योदय पुरस्कार दिया गया। अवॉर्ड के दीवाने लाखों करोड़ों में बंट गए। प्रोग्राम में मुख्य अतिथि राज्य के पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता, बिल्डर साशि महोथ, पूर्व मिनिमलिस्ट सुमन महतो, पूर्व इंजीनियर सारथी महंत, स्टेज के मुख्य संयोजक आस्तिक महंत, बिल्डर फनी चंद्रा महंत, बिल्डर रमेश हांसादा, पूर्व इंजीनियर चंद्रावती महंत, बिल्डर विकास सिंह, आरके सिन्हा आदि उपस्थित थे। टुसू महोत्सव में मनोहरपुर के रंजीत महतो ने कई गीत गाये, जिसमें आसबो बोले कोथा दिल्ली, नई अली मेला… खूब चर्चा हो रही है.
लोहमोरनगरी की धरती की मौत की राह है : बन्ना गुप्ता
पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि लोहनगरी की यह धरती की मृत्यु है। झारखंड की संस्कृति और सभ्यता को बदनाम करने के लिए ही टुसू बने हैं। मंच के मुख्य संयोजक आस्तिक महतो ने टुसू प्रतिमा व चौडल का इतिहास लोगों के सामने रखा और कहा कि इस राज्य की संस्कृति ही लोगों को आकर्षित करती है। उन्होंने लोगों से दूर रहने और नशे से दूर रहने की अपील की। कार्यक्रमों को बनाने में सफल रहे स्टेक खगेन महतो, पूर्व किलेबंदी स्वपन महतो, सुखदेव महोथ, सचिन महोत, सुनील महतो मीता, करमू हांसादा, चुना मार्डी, लालटू महोथ, सत्यनारायण महोथ का अहम योगदान रहा।
टेम्पो में हेलीकॉप्टर आकर्षण का केंद्र बना हुआ है
मेले में वैसे तो कई नृत्य और गीत दल आकर्षण का केंद्र रहे, लेकिन मुचीराम मुर्मू का ऑटो हेलीकॉप्टर विशेष आकर्षण रहा। स्वचालित एक स्थान से दूसरे स्थान पर भ्रमण किया जा रहा है, देखने के लिए देखें कि भीड़ में कौन सा स्थान शामिल है।
रंजीत महतो एंड टीम ने बांधा समां
प्रसिद्ध ज़ूमर गायक रंजीत महतो (मनोहरपुर) और ओडिशा की लिपनी महतो ने नृत्य टीम के साथ कई गीत गाकर समां बांध दिया। इसकी शुरुआत उन्होंने पोहिले बूढ़े बाबा…से की। इसके बाद उन्होंने बोछोर पोरे जाबो…, एगो बुलु रोजगार पिंधी धोनी कमर तहलकाय…,प ने एगो आर कोटो दिन कोली जुग आछे…असबो बोले कोथा दिल्ली, नई अली मेला…, ए बाबू तोर मोसी दिलेक दोस्ते… समेत कई प्रेमियों के नायक लोगों को जुमने पर मजबूर कर दिया।
विभाग ने विभाग को विभाग में विभाजित किया
मेले में मुख्य मंच के सुदूर झारखंड अलग राज्य के लिए लड़ाई लड़ने वालों के चित्रों का अनावरण किया गया। उन संगतों में शहीद रघुनाथ महतो, शहीद बिरसा मुंडा, सिदो कान्हू, शहीद निर्मल महतो, शहीद सुनील महतो, पूर्व नेता साधु चरण महंत का नाम शामिल है।
ठेला खोमाचावालों की भी रही चांदी
मेले में हज़ारों लोगों की भीड़ थी। यह था कि मैदान में प्रवेश करने और बाहर के पर्यटकों के बीच काफी संकटग्रस्त स्थिति बनी हुई थी। इस दौरान कार्यक्रम समिति ने मैदान के सभी गेट खोल दिए थे। इस अवसर पर काफी संख्या में ठेला खोमचा वाले भी थे। मेला क्षेत्र के बाहर गोलगप्पा, चना, मिठाई, चाय, बादाम आदि की दुकानें लगी थीं, जिसका आनंद वहां आने वाले लोगों ने खूब उठाया।
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